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Chandigarh: सोने की ज्वेलरी और बिजली उपकरणों की खरीदारी करते समय जरूर देखें आइएसआइ हॉलमार्का

भारतीय मानक ब्यूरो उत्तर क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ की तरफ से लोगों को जागरूक करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान लोगों को आइएसआइ हॉलमार्का की जानकारी दी गई। बताया गया कि सोने की ज्वेलरी और बिजली उपकरण खरीदते समय हॉलमार्का जरूर चेक करें।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 05:40 PM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 05:40 PM (IST)
Chandigarh: सोने की ज्वेलरी और बिजली उपकरणों की खरीदारी करते समय जरूर देखें आइएसआइ हॉलमार्का
नवांशहर के सरकारी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद बच्चे और भारतीय मानक ब्यूरो उत्तर क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ के पदाधिकारी।

चंडीगढ़, जेएनएन। सोने के गहने खरीदते समय हमेशा आइएसआइ हॉलमार्का पर ध्यान दिया जाता है, लेकिन यह हॉलमार्का भी चार प्रकार का होते हैं, जिसकी जांच और जानकारी होना ग्राहकों के लिए जरूरी है। सोने के गहनों के अलावा बिजली के कुछ उपकरणों पर भी आइएसआइ का हॉलमार्का का निशान होता है। 

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यह जानकारी देने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो उत्तर क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ की तरफ से पंजाब के जिला नवांशहर के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें स्थानीय लाेगों को दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं के हॉलमार्का और उनकी पहचान करने की जानकारी दी गई। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर उप महानिदेशक संजय कुमार, सीएचबीओ के अध्यक्ष एसके सहाना भी मौजूद रहे।

बिजली उपकरण और गैस सिलेंडर पर हॉलमार्का अनिवार्य

स्टूडेंट्स को जानकारी देते हुए भारतीय मानक ब्यूरो की विशेषज्ञ जीके भाटिया ने बताया कि जब भी बिजली उपकरण बल्ब, ट्यूब खरीदते हैं तो उस पर आइएसआइ का हॉलमार्का जरूर चेक करें। जब भी ऐसे सामान की खरीदारी करनी है तो उसे अनिवार्य रूप से चेक करना चाहिए। इसके साथ ही गैस सिलेंडर पर भी हॉल मार्क होता है। जो कि सिलेंडर के किसी भी तरफ हो सकता है। जब भी गैस सिलेंडर लेते हैं तो भार तोलने के साथ-साथ उस पर लगे मार्का को भी अवश्य चेक करना चाहिए।

गहनों पर आइएसआइ के चार निशान

सोने के गहनों पर बीआइएस का लोगो होने के साथ-साथ तीन अन्य निशान भी होते हैं, जिन्हें परखना अनिवार्य होता है। हमेशा ग्राहक बीआइएस मार्का को देखकर गहनों की खरीददारी करते हैं जो गलत है। बीआइएस के साथ सोना कितने कैरेट का है इसका भी अलग से निशान होता है। हॉलमार्का सेंटर का निशान अलग होता है और सबसे आखिर में सोना किस ज्वेलर के पास बना है, उसका भी लोगो बना होता है। कई ज्वेलर खुद का लोगो नहीं लगाते जो कि सोने में मिलावट का काम कर सकते हैं।


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