कोरोना की उलझन में निकल गया साल, नए वित्त वर्ष में अधिक पैसा मिलने की उम्मीद
कोरोना महामारी ने शहर की प्रगति पर असर डाला है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : कोरोना महामारी ने शहर की प्रगति पर असर डाला है। कई प्रोजेक्ट कोरोना की वजह से ठंडे बस्ते में डाल दिए गए तो कई समय सीमा समाप्त होने के बाद भी पूरे नहीं हुए। बजट भी इन सभी मामलों में आड़े आया। केंद्र सरकार ने कोविड की दूसरी लहर के दौरान प्रत्येक तिमाही पर पांच फीसद खर्च नहीं करने के आदेश दिए थे। इस तरह से तीन तिमाही में 15 फीसद बजट खर्च ही नहीं हुआ और 244 करोड़ रुपये का कट लग गया। अब नए वित्त वर्ष का बजट पहली फरवरी को पेश हो रहा है। कोरोना की तीसरी लहर से पार पा चुके चंडीगढ़ प्रशासन को इस बजट से खास उम्मीद है। पिछले साल की रिकवरी भी इस साल में करने की प्लानिग प्रशासन कर रहा है। चंडीगढ़ प्रशासन ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए वित्त मंत्रालय से 5836 करोड़ रुपये मांगे हैं। पिछले वर्ष की कटौती को देखते हुए इस बार 2021-22 में मिले 5186 करोड़ रुपये से 650 करोड़ रुपये अधिक मांगे गए हैं, जबकि पिछले वर्ष की मांग से 166 करोड़ रुपये अधिक मांगे गए हैं।
मांग कभी नहीं हुई पूरी
प्रशासन अपनी बजट डिमांड वित्त मंत्रालय को भेज चुका है। हालांकि मांग कभी पूरी नहीं हुई। मांग से कम ही बजट प्रशासन को मिला है। वित्त वर्ष 2021-22 में चंडीगढ़ प्रशासन ने 5670 करोड़ रुपये की मांग केंद्र सरकार को भेजी थी। मांग से 484 करोड़ रुपये कम 5186 करोड़ मिले थे। नए वित्त वर्ष में नगर निगम के लिए 350 करोड़ रुपये की मांग की गई है। वहीं स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए अलग से बजट मिलेगा। स्मार्ट सिटी के लिए 100 करोड़ रुपये मिल सकता है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहली फरवरी को आम बजट पेश करेंगी। उसके बाद ही सभी राज्यों और यूटी को बजट आवंटित होता है। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रोजेक्ट के लिए मांगा बजट
इस बार चंडीगढ़ ने मांगे गए बजट को जरूरी बताते हुए विभिन्न प्रोजेक्ट और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने की बात कही है। हेल्थ सेंटर को अपग्रेड कर हॉस्पिटल बनाया जाएगा। साथ ही कई नई डिस्पेंसरी और बेड बढ़ाने और ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए बजट मांगा गया है। स्कूलों की नई बिल्डिग या अपग्रेड करने के लिए बजट मांगा गया है। चंडीगढ़ मास्टर प्लान-2031 के तहत विकास मार्ग पर मध्य मार्ग की तर्ज पर व्यावसायिक क्षेत्र विकसित करने और सेक्टर-34 सब सिटी सेंटर के अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा। साथ ही सेक्टर-43 में व्यावसायिक एरिया विकसित किया जाएगा। आंकड़ों से समझिए
मांग (करोड़ में)
2022-23 5836
2021-22 5670
अब अधिक मांगे 650 मिले
2021-22 5136
मांग से कम 484