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चंडीगढ़ में टीकाकरण का लक्ष्य पूरा कराने कालोनी में पहुंचे शिक्षक, केवल 60 फीसद बच्चों को लगी वैक्सीन

चंडीगढ़ के टीकाकरण सेंटर्स में स्कूलों में पढ़ाई कर रहे 60 फीसद किशोर ही टीकाकरण करवा सकें हैं। जिन किशोरों का टीकाकरण अभी नहीं हुआ है उन्हें वैक्सीनेशन करवाने के लिए शहर के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल करसान के शिक्षक सड़कों तक पहुंचे हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 02:54 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 02:54 PM (IST)
चंडीगढ़ में टीकाकरण का लक्ष्य पूरा कराने कालोनी में पहुंचे शिक्षक, केवल 60 फीसद बच्चों को लगी वैक्सीन
चंडीगढ़ में गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल करसान का शिक्षक किशोरों का टीकाकरण करवाने की अपील करते हुए। जागरण

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहर के स्कूलों में चल रहे कोविड वैक्सीनेशन सेंटर का 15 जनवरी को समापन हो रहा है। 14 दिन तक चले शहर के विभिन्न टीकाकरण सेंटर्स में स्कूलों में पढ़ाई कर रहे 60 फीसद किशोर ही टीकाकरण करवा सकें हैं। जिन किशोरों का टीकाकरण अभी नहीं हुआ है, उन्हें वैक्सीनेशन करवाने के लिए शहर के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल करसान के शिक्षक सड़कों तक पहुंच गए है। रविवार को स्कूल के शिक्षकों ने रामदरबार की कलाेनी में निकलकर माइक के जरिए लोगों को टीकाकरण करवाने के लिए अपील की। टीचर्स ने पहली बार स्कूल कैंपस से निकलकर जल्द से जल्द टीकाकरण प्रक्रिया में शामिल होने और महामारी से निजात पाने की अपील की।

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टीकाकरण कराना सभी की जिम्मेदारी

करसान स्कूल प्रिंसिपल संगीता गुलाटी ने कहा कि टीकाकरण करना और करवाना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। जितनी जल्दी टीकाकरण होगा, उतनी ही जल्द हम इस महामारी से बाहर निकल सकेंगे। ऐसे में सोमवार को बंद हो रहे टीकाकरण कैंप के बाद भी बचे हुए लोग टीकाकरण करवाएं इसके लिए उन्हें मोटिवेट करना जरूरी है। इसी सोच के साथ स्कूल अध्यापक कालोनी में निकले है। स्कूल के 95 फीसद किशोर टीकाकरण करवा चुके हैं लेकिन जो बचे हैं, उनसे अपील है कि वह साेमवार को स्कूल आकर या फिर उसके बाद स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचकर टीकाकरण करवा लें।

93 हजार का होना है टीकाकरण-

15 से 18 वर्ष के किशोरों का टीकाकरण अभियान तीन जनवरी को शुरू हुआ था। इस अभियान में शहर के 93 हजार युवाओं का टीकाकरण होना था। 16 जनवरी तक 60 फीसद किशोर ही टीकाकरण की पहली डोज ले सकें। विभागीय जानकारों की माने तो 15 से 18 वर्ष के किशोर नौवीं से 12वीं कक्षा के छात्र है। जब तक सभी किशोरों का 100 फीसद टीकाकरण नहीं होता, उस समय तक स्कूल खोलने संभव नहीं है। जैसे ही वैक्सीन की दोनों डोज पूरी होंगी उसके बाद स्कूल खोलने पर विचार होगा।


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