चंडीगढ़ के स्कूलों में इस बार माहौल कुछ अलग, रिजल्ट की बजाय फिटनेस पर टीचर्स का फोकस
कोरोना संक्रमण के कारण इस समय स्कूलों में कक्षाएं नाम मात्र ही लग रही हैं। ऐसे में एमएचआरडी ने स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं कि टीचर्स एक्टीविटी करके स्टूडेंट्स को मोटिवेट करें ताकि वह भी व्यायाम करें और पूरी तरह से स्वस्थ रहे।
चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। दिसंबर का महीना हर बार टीचर्स के लिए परेशानी से भरा होता था, क्योंकि इसी महीने मिड टर्म एग्जाम कराने के बाद फाइनल एग्जाम के लिए स्टूडेंट्स को तैयार किया जाता था। दिसंबर में मिड टर्म एग्जाम के परिणाम भी आ जाते थे जिसके बाद स्कूलों की चिंता बहुत ज्यादा बढ़ जाती थी क्योंकि फरवरी-मार्च में होने वाले परिणाम सौ प्रतिशत देना होता था।
सबसे ज्यादा परेशानी टीचर्स को दसवीं और बारहवीं कक्षा के स्टूडेंट्स की होती थी, लेकिन इस बार माहौल कुछ अलग है। टीचर्स में परीक्षा परिणाम के बजाए फिट इंडिया अभियान को सफल करने की जद्दाेजहद लगी हुई है। टीचर्स स्कूल पहुंचकर हाजरी लगाने के बाद पानी पीने की बजाय स्कूल मैदान की तरफ दौड़ते है, क्योंकि ग्राउंड में पहुंचकर उन्हें व्यायाम करते हुए फोटो भी खिंचवानी है और उसके बाद बाद वीडियो भी बनवानी है, ताकि वह सारी क्लिपिंग एमएचआरडी को समय पर भेजनी है और चंडीगढ़ शिक्षा विभाग का नाम रोशन करना है।
योगा और छोटे व्यायाम से लेकर बच्चों के स्पोटर्स गार्डन का टीचर्स कर इस्तेमाल
हर स्कूल के टीचर्स में होड़ लगी है कि उनकी एक्टीविटी सबसे बेहतर हो। जिसके लिए वह योगा और अलग-अलग व्यायाम की प्रक्रियाओं को करने के साथ बच्चों के खेलने के लिए बनाए गए गार्डनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। स्कूल खुलने पर जहां पर बच्चों की किल्लकारियों गूंजती थी वहीं पर अब टीचर्स सर्दी में अपना पसीना निकालते नजर आ रहे है।
क्या है फिट इंडिया अभियान
कोरोना के चलते स्कूल बंद पड़े है और स्कूलों में स्टूडेंट्स जरूरत के अनुसार ही आ रहे है। ऐसे में एमएचआरडी ने स्कूलों को निर्देश जारी किए है कि टीचर्स स्कूलों में एक्टीविटी करके स्टूडेंट्स को मोटिवेट करें ताकि वह भी व्यायाम करें और पूरी तरह से स्वस्थ रहें। इसके लिए सभी टीचर्स को एक्टीविटी में शामिल होने के निर्देश हुए है। जिसके चलते हर टीचर्स का क्लास रिजल्ट के बजाए फिट इंडिया अभियान को सफल करने में जुटे है।