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चंडीगढ़ स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट बेबस, वर्षों से फाइलों में चल रहे कई प्रोजेक्ट, डेडलाइन के बाद भी नहीं हुए पूरे

शहर को स्पोर्ट्स हब के तौर पर देखा जाता है। चंडीगढ़ ही नहीं पंजाब हरियाणा हिमाचल उत्तराखंड यूपी और बिहार के खिलाड़ी भी कोचिंग के लिए शहर आते हैं। बावजूद इसके स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की सुस्ती का आलम यह है कि कई नेशनल खेलों का एक भी कोच नहीं है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 02:38 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 02:38 PM (IST)
चंडीगढ़ स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट बेबस, वर्षों से फाइलों में चल रहे कई प्रोजेक्ट, डेडलाइन के बाद भी नहीं हुए पूरे
स्पोर्ट्स प्रोजेक्टर की फाइलें कई सालों से एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस घूम रही हैं। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ स्पोर्ट्स हब कहा जाता है। क्योंकि शहर में दूसरे राज्यों के खिलाड़ी भी कोचिंग लेने आते हैं। वहीं, चंडीगढ़ स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के कई प्रोजेक्ट वर्षों से फाइलों में ही चल रहे हैं। सेक्टर- 23 में बनने वाला स्केटिंग रिंक, लेक स्पोर्ट्स स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में बनने वाला मल्टीपर्पज हाल और पंजाब यूनिवर्सिटी में बनने वाला बेलोड्रम जैसे कई प्रोजेक्ट हैं, जिनकी फाइलें कई सालों से एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस घूम रही हैं। जमीनी स्तर पर इन प्रोजेक्स को लेकर कोई काम नहीं हुआ है। ऐसे में यह लटके प्रोजेक्ट अब यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के लिए किरकिरी का सबब बने हुए हैं।

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बर्मिंघम में होने वाली राष्ट्रमंडल खेलो -2022 से पहले चंडीगढ़ में प्रस्तावित राष्ट्रमंडल तीरंदाजी और शूटिंग इवेंट्स को कोरोना महामारी की वजह से रद कर दिया गया। राष्ट्रमंडल खेल महासंघ और भारतीय राष्ट्रमंडल खेल के कार्यकारी बोर्ड से मिलकर यह फैसला लिया। राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने इन दोनों इवेंट्स को चंडीगढ़ में करवाने के लिए पिछले साल हामी भर दी थी, जिसके बाद से यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट और प्रशासन इन बड़े इवेंट्स के आयोजन की तैयारियां भी शुरू कर दी थी, लेकिन जैसे ही मेजबानी रद होने की सूचना प्रशासन को मिली, वैसे ही शूटिंग रेंज सेक्टर- 25 को विकसित करने के तमाम काम ठंडे बस्ते में डाल दिए गए। शूटर्स को उम्मीद थी कि कॉमनवेल्थ गेम्स के मद्देनजर शूटिंग रेंज के दिन बदलेंगे।

बिना कोच कैसे तैयार होंगे चैंपियन

शहर को स्पोर्ट्स हब के तौर पर देखा जाता है। चंडीगढ़ ही नहीं, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार के खिलाड़ी भी बेहतर कोचिंग के लिए शहर का रूख करते हैं। बावजूद इसके स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की सुस्ती का आलम यह है कि कई नेशनल खेलों का एक भी कोच डिपार्टमेंट के पास मौजूद नहीं है,जबकि इनके पदों को भरने की कवायद पिछले डेढ़ साल  से चल रही है।  इसका खमियाजा खिलाड़ियों को उठाना पड़ रहा है। यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के पास मौजूदा समय में खो-खो, कबड्डी, सॉफ्टबॉल, फेंसिंग, शूटिंग,  बेसबॉल, साइकिलिंग और गोल्फ जैसी खेलों के कोच नहीं है। डिपार्टमेंट की मानें तो कोचों के रिक्त पदों को भरने के लिए आवेदन मंगवाकर उनकी स्क्रीनिंग कर ली गई है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इनकी नियुक्ति प्रक्रिया में देरी हो रही है।


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