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स्पोर्ट्स हब के तौर पर अपनी पहचान बना चुके चंडीगढ़ खेल विभाग के पास कोच नहीं, कई प्रोजेक्ट अभी भी लटके

चंडीगढ़ को स्पोर्ट्स हब के तौर पर देखा जाता है। चंडीगढ़ ही नहीं पंजाब हरियाणा हिमाचल उत्तराखंड यूपी और बिहार के खिलाड़ी भी बेहतर कोचिंग के लिए शहर का रूख करते हैं। स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की सुस्ती का आलम यह है कि कई नेशनल खेलों का एक भी कोच नहीं है

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Mon, 04 Oct 2021 12:49 PM (IST)Updated: Mon, 04 Oct 2021 12:49 PM (IST)
स्पोर्ट्स हब के तौर पर अपनी पहचान बना चुके चंडीगढ़ खेल विभाग के पास कोच नहीं, कई प्रोजेक्ट अभी भी लटके
शूटिंग रेंज सेक्टर- 25 को विकसित करने के तमाम काम ठंडे बस्ते में डाल दिए गए।

विकास शर्मा, चंडीगढ़। यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट वर्षों से स्पोर्ट्स कांप्लेक्स -7 में सिंथेटिक ट्रैक बिछाने की योजना बना रहा है। इसके अलावा सेक्टर - 23 में बनने वाला स्केटिंग रिंक, लेक स्पोर्ट्स स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में बनने वाला मल्टीपर्पज हाल और सेक्टर - 32 के जीएमसीएच में बनाने वाले स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर जैसे कई प्रोजेक्ट हैं, जिनकी फाइलें एक आफिस से दूसरे आफिस घूम रही हैं। जमीनी स्तर पर इन प्रोजेक्ट्स को लेकर कोई काम नहीं हुआ है। ऐसे में यह लटके प्रोजेक्ट अब यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के लिए किरकिरी का सबब बने हुए हैं।

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बर्मिंघम में होने वाली राष्ट्रमंडल खेलों -2022 से पहले चंडीगढ़ में प्रस्तावित राष्ट्रमंडल तीरंदाजी और शूटिंग इवेंट्स को कोरोना महामारी की वजह से रद कर दिया गया। राष्ट्रमंडल खेल महासंघ और भारतीय राष्ट्रमंडल खेल के कार्यकारी बोर्ड से मिलकर यह फैसला लिया। राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने इन दोनों इवेंट्स को चंडीगढ़ में करवाने के लिए पिछले साल हामी भर दी थी, जिसके बाद से यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट और प्रशासन इन बड़े इवेंट्स के आयोजन की तैयारियां भी शुरू कर दी थी, लेकिन जैसे ही मेजबानी रद्द होने की सूचना प्रशासन को मिली, वैैसे ही शूटिंग रेंज - 25 को विकसित करने के तमाम काम ठंडे बस्ते में डाल दिए गए। शटूर्स को उम्मीद थी कि कॉमनवेल्थ गेम्स के मद्देनजर शूटिंग रेंज के दिन बदलेंगे।

पिछले डेढ़ साल से लटकी हैं कोचिस की नियुक्तियां

शहर को स्पोर्ट्स हब के तौर पर देखा जाता है। चंडीगढ़ ही नहीं, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार के खिलाड़ी भी बेहतर कोचिंग के लिए शहर का रूख करते हैं। बावजूद इसके स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की सुस्ती का आलम यह है कि कई नेशनल खेलों का एक भी कोच डिपार्टमेंट के पास नहीं है, जबकि इनके पदों को भरने की कवायद पिछले डेढ़ साल से चल रही है। इसका खमियाजा खिलाड़ियों को उठाना पड़ रहा है।

इन खेलों के कोच नहीं

यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के पास मौजूदा समय में खो-खो, कबड्डी, सॉफ्टबॉल, फेंसिंग, शूटिंग, बेसबॉल, साइकिलिंग और गोल्फ जैसी खेलों के कोच नहीं है। डिपार्टमेंट की मानें तो कोचिस के रिक्त पदों को भरने के लिए आवेदन मंगवाकर उनकी स्क्रीनिंग कर ली गई है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इनकी नियुक्ति प्रक्रिया में देरी हो रही है।


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