Move to Jagran APP

चंडीगढ़ के स्कूलों को मिल रहा एक मोबाइल यूजर जितना इंटरनेट डाटा, बड़ा सवाल- कैसी चलेंगी स्मार्ट क्लास

चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के पास 116 सरकारी स्कूल हैं। इनमें से चार स्कूलों को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अडॉप्ट किया है जबकि 90 स्कूलों को विभाग ने अपने स्तर पर स्मार्ट एजुकेशन का जिम्मा उठाया है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 04:24 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 04:24 PM (IST)
चंडीगढ़ के स्कूलों को मिल रहा एक मोबाइल यूजर जितना इंटरनेट डाटा, बड़ा सवाल- कैसी चलेंगी स्मार्ट क्लास
शहर के स्मार्ट स्कूलों में इंटरनेट डाटा बहुत ही कम मिलता है। फाइल फोटो

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ में 116 सरकारी स्कूलों में से 70 के करीब स्मार्ट स्कूल हैं। इन स्मार्ट स्कूलों में बच्चों को स्मार्ट और डिजिटल एजुकेशन के दावे किए जाते हैं। लेकिन यह दावा पूरा कैसे होगा, क्योंकि शहर के ज्यादातर स्कूलों में इंटरनेट डाटा रोड़ा साबित हो रहा है। शहर के स्मार्ट स्कूलों मे एक दिन में महज उतना डाटा दिया जाता है, जितना एस मोबाइल यूजर एक दिन में खर्च कर देता है। यानी एक स्कूल को दो से तीन जीबी का इंटरनेट डाटा रोजाना मिल रहा है।

loksabha election banner

दो से तीन जीबी का इटरनेट डाटा प्रिंसिपल आफिस, स्टाफ रूम और चंद क्लास रूम में चलकर तीन से चार घंटे में खत्म हो जाता है। इसके बाद क्लास रूम में रखे गए स्मार्ट बोर्ड और प्रोजेक्टर काम करना बंद कर देते हैं। इस बात का खुलासा वीरवार को हुई बैठक में स्मार्ट बोर्ड और प्रोजेक्टर प्रोबाइडर के प्रतिनिधि ने किया है। उन्होंने बताया कि स्कूलों में इंटरनेट का डाटा बेहद कम है। जो इंटरनेट कनेक्शन स्कूलों में दिए गए हैं उसका डाटा दो से तीन क्लास में ही पूरा हो जाता है। इसी प्रकार से उस डाटे को इस्तेमाल स्कूल के अधिकारिक जरूरतों को पूरा करने के लिए भी हो रहा है। ऐसे में क्लासरूम में काम करना संभव नहीं है।

चार स्कूलों को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किया गया है अडॉप्ट

चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के पास 116 सरकारी स्कूल हैं। इनमें से चार स्कूलों को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अडॉप्ट किया है जबकि 90 स्कूलों को विभाग ने अपने स्तर पर स्मार्ट एजुकेशन का जिम्मा उठाया है। स्मार्ट और डिजिटल एजुकेशन देने के लिए अलग-अलग क्लास रूम में प्रोजेक्टर और स्मार्ट बोर्ड लगाए गए हैं। इसके साथ पढ़ाई कराने के लिए स्टडी मैटेरियल तक मुहैया कराया है, लेकिन इंटरनेट डाटा की लिमिट कम होने के चलते स्मार्ट क्लास रूम की पढ़ाई कागजों में ही सिमट कर रह गई है।

स्मार्ट क्लास रूम के साथ स्कूल में लगने थे सीसीटीवी कैमरे

स्मार्ट सिटी चंडीगढ़ में स्मार्ट एजुकेशन देने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट ने नवंबर 2021 में पायलट प्रोजेक्ट के तहत चार स्कूलों को अडॉप्ट किया था। पायलट प्रोजेक्ट में स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम के अलावा स्मार्ट सीसीटीवी कैमरा, स्पेशल फ्लोर की व्यवस्था होनी थी। स्मार्ट सीसीटीवी कैमरा स्कूल में होने वाली गतिविधियों जानकारी अलर्ट के तौर पर प्रिंसिपल रूम को मिलनी है। इसी प्रकार से स्कूल में विशेष फ्लोरिंग की जानी थी जिसे न तो कोई आग पकड़ सकती थी और पानी गिरने पर फ्लोर पर फिसलन भी नहीं होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.