ISSF Junior World Championship में चंडीगढ़ की बेटी गनीमत ने जीता गोल्ड, पापा से किया वादा निभाया
गनीमत के पिता अमरिंदर शेखों ने बताया कि गनीमत ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया और मुकाबला शूट-ऑफ तक पहुंचा लेकिन उसे रजत पदक से संतोष करना पड़ा। इसके बाद गनीमत ने पिता के साथ वादा किया था कि वह अगले मुकाबले में गोल्ड मेडल जीतेगी।
विकास शर्मा, चंडीगढ़। पेरु में आयोजित आइएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में शहर की शूटर गनीमत सेखों गोल्ड मेडल जीतकर शहर और देश का नाम रोशन किया है। इससे पहले शुक्रवार को गनीमत सेखों ने आइएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में व्यक्तिगत स्कीट मुकाबले में गोल्ड मेडल से चूक गई थी। गनीमत के रजत पदक जीतने से जहां देशभर में जहां खुशी का माहौल था, वहीं गनीमत स्वर्ण पदक न जीत पाने से खासी उदास थी।
गनीमत के पिता अमरिंदर शेखों ने बताया कि गनीमत ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया और मुकाबला शूट-ऑफ तक पहुंचा, लेकिन उसे रजत पदक से संतोष करना पड़ा। मैंने गनीमत को रजत पदक जीतने की बधाई दी, तो उसने तभी कह दिया था कि वह आप शनिवार को स्वर्ण पदक जीतने के बाद बधाई दीजिएगा आज नहीं। यकीनन गनीमत सेखों, अरीबा खान और रायजा ढिल्लों की तिकड़ी ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। मैं खुश हूं कि बेटी ने मेरा साथ किया हुआ वादा निभाया और देश के लिए एक स्वर्ण और एक रजत मेडल जीता।
गनीमत शेखों के पिता अमरिंदर शेखों ने बताया कि मेरे दादा और पिता को भी शूटिंग खासा शौक था। उनके दादा कैप्टन छतर सिंह की बहन पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह की पत्नी थी। इसलिए दादा अक्सर भूपिंदर सिंह के साथ शूटिंग करते थे। उनके पिता मोहिंदर पाल सिंह भी नेशनल स्तर के शूटर थे।
दो महीने की तैयारी के बाद गनीमत ने नेशनल टूर्नामेंट में लिया था हिस्सा
अमरिंदर शेखों ने बताया कि वर्ष 2015 में गनीमत सेखों को वह पटियाला की राव शूटिंग रेंज में गए, जहां गनीमत ने पिस्टल औऱ राइफल की प्रेक्टिस की, लेकिन उसे यह पसंद नहीं आया। इसके बाद हम पटियाला गए तो गनीमत ने स्कीट में रूचि दिखाई। मैंने उसकी रूचि को देखते हुए दिल्ली में शूटिंग कोच पीएस सोढ़ी से संपर्क किया, उन्होंने कहा कि नवंबर में नेशनल टूर्नामेंट है और दो महीनों में तैयारी नहीं हो सकती, इसलिए आप अगले साल तैयारी करवाएं, इससे आपके पैसे और समय दोनों बचेगा। मेरे जोर देने पर वह तैयार हो गए। दो महीनों की तैयारी में गनीमत ने पहले पंजाब स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में जीत हासिल की और उसके बाद नेशनल खेला। उन्होंने कहा कि गनीमत रोज प्रेक्टिस में 500 से ज्यादा कारतूस चलाती है, इतने कारतूस कोई मैंस शूटर भी नहीं चलाता है। वह काफी मेहनती है उसे मेहनत का फल मिला है।
शूटिंग के अलावा पेंटिंग की शौकीन है गनीमत
शूटिंग में व्यस्त के रहने के चलते गनीमत के काफी कम दोस्त हैं। उसका ज्यादतर समय शूटिंग करने में बीतता है। इसके अलावा वह पेंटिग करती है। गनीमत के पिता अमरिंदर सेखों ने बताया कि गनीमत काफी बेहतरीन पेंटिंग करती है। उसकी बहन मानव सेखों ही उसकी फ्रैंड औऱ मेंटर है। मानव और उनकी पत्नी पुनीत सेखों ने भी गनीमत को इंटरनेशनल स्तर का शूटर बनाने में खूब मेहनत की है।
यह है गनीमत की उपलब्धियां
- साल 2019 जूनियर एंड सीनियर नेशनल वूमेन स्कीट इवेंट में दो गोल्ड मडल जीते।
- साल 2019 जयपुर में आयोजित 62वीं नेशनल सीनियर शूटिंग चैंपियनशिप शॉटगन में सिल्वर मेडल जीता।
- साल 2019 भोपाल में आयोजित सीनियर व जूनियर वूमेन स्कीट इवेंट में दो गोल्ड मेडल जीते।
- साल 2018 साउथ कोरिया में आयोजित 52वीं आइएसएसएफ सीनियर स्कीट वूमेन प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व किया।
- साल 2018 जर्मनी में आयोजित आइएसएसएफ वर्ल्ड कप में देश का प्रतिनिधित्व किया।
- साल 2018 जकार्ता में आयोजित एशियन गेम्स 2018 में देश का प्रतिनिधित्व किया।
- साल 2021 नई दिल्ली में आयोजित आइएसएसएफ वर्ल्ड कप ब्रांज मेडल