ईको फ्रेंडली दिवाली को लेकर चंडीगढ़ की सड़कों पर उतरे स्टूडेंट्स, रैली निकाल दिया पटाखे न जलाने का संदेश
ग्रीन दीपावली का संदेश देने पहुंचे स्टूडेंट दियांश ने बताया कि पटाखे जलाने से प्रदूषण फैलता है वहीं इनसे निकलने वाली चिंगारियां इंसान की आंखों को नुकसान और अलग-अलग जगह पर आग लगने का भी खतरा बना रहता है। इसलिए हमें बिना पटाखों के ही दीपावली को मनाना चाहिए।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। दिवाली के त्योहार को कुछ ही दिन रह गए हैं। ऐसे में शहर में इस बार ग्रीन दिवाली मनाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। ईको फ्रेंडली दिवाली और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित सेंट जोन हाई स्कूल के स्टूडेंट्स प्रेस लाइट प्वाइंट सेक्टर-8/9 चौक पर पहुंचे। स्टूडेंट्स ने हाथ में बैनर पकड़कर लोकल फार वोकल और प्रदूषण से होने वाली परेशानी के प्रति जागरूक किया।
ग्रीन दीपावली का संदेश देने पहुंचे स्टूडेंट दियांश ने बताया कि पटाखे जलाने से प्रदूषण फैलता है वहीं इनसे निकलने वाली चिंगारियां इंसान की आंखों को नुकसान और अलग-अलग जगह पर आग लगने का भी खतरा बना रहता है। इसलिए हमें बिना पटाखों के ही दीपावली को मनाना चाहिए। घर को सुंदर बनाने के लिए जितने ज्यादा दीये जलाएं, वह अच्छे भी लगेंगे और पॉल्यूशन भी नहीं होगा। वहीं छात्र गुरशान ने कहा कि पटाखों को जलाने से सांस की बीमारी होती है। इसलिए पटाखे नहीं जलाने चाहिए। पटाखों से सिर्फ पर्यावरण और इंसान दोनों को नुकसान है।
स्टूडेंट्स को जागरूक करना जरूरी- रचना
ग्रीन दीपावली का संदेश देने के लिए स्टूडेंट्स के साथ लाइट प्वाइंट पर पहुंची टीचर रचना ने कहा कि स्टूडेंट्स को पटाखों के बुरे प्रभाव के बारे में जानकारी देना जरूरी है। इसी सोच के साथ स्टूडेंट्स को क्लास रूम से लेकर उन्हें समाज के साथ जोड़ने और लोगों को पटाखे रहित दिवाली मनाने के प्रति जागरूक करने के लिए शहर की सड़कों पर निकले हैं। स्कूल का प्रयास ग्रीन दीपावली के साथ लोकल फार वोकल को प्रमोट करना है ताकि स्टूडेंट्स विदेशी चकाचौंध से दूर देश में बनी हुई वस्तुओं को खरीदने और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कर सके।
स्कूल के स्टूडेंट्स निकाल रहे रैली
सेंट जोन के साथ शहर के विभिन्न प्राइवेट और सरकारी स्कूल ग्रीन दीपावली के लिए विभिन्न प्रकार की रैली और कार्यक्रम का आयोजन कर रहे है ताकि प्रदूषण पर रोक लग सके और बेहतर तरीके से दीपावली मनाई जा सके।