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चंडीगढ़ के प्राइवेट स्कूल बैलेंसशीट वेबसाइट पर अपलोड करने को तैयार नहीं, सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी

चंडीगढ़ के निजी स्कूल बैलेंसशीट को वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए तैयार नहीं हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेशों को अब इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन (आइएसए) सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने की तैयारी में है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 02:27 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 04:51 PM (IST)
चंडीगढ़ के प्राइवेट स्कूल बैलेंसशीट वेबसाइट पर अपलोड करने को तैयार नहीं, सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी
चंडीगढ़ के प्राइवेट स्कूल वेबसाइट पर बैलेंसशीट अपलोड करने को तैयार नहीं। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। प्राइवेट स्कूलों ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के उस फैसले पर आपत्ति जताई जिसमें हाई कोर्ट ने प्रशासन के फैसले पर मोहर लगाई थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि निजी स्कूलों को बैलेंसशीट वेबसाइट पर अपलोड कर सार्वजनिक करनी होगी। इस मामले में अब इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन (आइएसए) सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है।

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आइएसएस से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि हाई कोर्ट के फैसले में कई कमियां हैं, जिस कारण इसे लागू कर पाना मुमकिन नहीं है। चंडीगढ़ प्रशासन के एजुकेशन विभाग की ओर से सभी प्राइवेट स्कूलों को बैलेंसशीट अपलोड करने को कहा गया है। विभाग ने इसके लिए प्राइवेट स्कूलों को कुछ अतिरिक्त समय देने की बात कही है। आइएसए के इस फैसले से फिर से यूटी प्रशासन और प्राइवेट स्कूलों के बीच तनाव बढ़ सकता है।

शहर के प्राइवेट स्कूलों को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने बीते 28 मई को एक फैसले में बैलेंसशीट स्कूल वेबसाइट पर जारी करने के निर्देश जारी किए थे, जिसमें शहर के सभी 75 प्राइवेट और एडेड स्कूलों को अपनी आय और खर्च का पूरा ब्योरा देने को कहा गया था। बीते दो साल से यूटी प्रशासन की ओर से प्राइवेट स्कूलों को बैलेंसशीट सार्वजनिक करने की मांग की जा रही थी, लेकिन जब प्राइवेट स्कूलों ने इस फैसले को नहीं माना तो यूटी प्रशासन और पेरेंट्स एसोसिएशन मामलो को हाई कोर्ट तक ले गए।

मामले में सुनवाई को बाद हाई कोर्ट ने बीते महीने ही साफ कर दिया है कि सभी प्राइवेट स्कूलों को वेबसाइट पर बैलेंसशीट को जारी करना होगा। उधर, हाई कोर्ट के फैसले के बाद इंडिपेडेंट स्कूल एसोसिएशन प्रेसिडेंट एचएस मामिक ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों को बैलेंसशीट जारी करने के फैसले में कई कमियां हैं। इस फैसले से प्राइवेट स्कूलों की निजता पूरी तरह से खत्म हो जाएगी और स्कूल मैनेजमेंट के लिए स्कूल चलाना मुश्किल हो जाएगा। हम इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करने पर विचार कर रहे हैं।

वेबसाइट पर जानकारी देने से मना किया

शहर के करीब 40 प्राइवेट स्कूलों ने बीते सत्र में ही यूटी एजुकेशन विभाग को बैलेंसशीट की पूरी जानकारी भेज दी, लेकिन बहुत से प्राइवेट स्कूलों ने बैलेंसशीट को स्कूल वेबसाइट पर जारी नहीं किया। प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने के खिलाफ अभिभावकों ने स्कूलों से उनके आय और खर्च का ब्योरा देने की मांग यूटी शिक्षा विभाग से की थी। मामला काफी तूल पकड़ने के बाद यूटी प्रशासन ने सभी स्कूलों को बैलेंसशीट देने के निर्देश दिए थे।

यह है पूरा मामला

बीते डेढ़ साल से कोरोना महामारी के कारण सभी प्राइवेट स्कूल बंद हैं, लेकिन बहुत से प्राइवेट स्कूलों द्वारा इस दौर में भी पूरी फीस पेरेंट्स से ली गई। अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल नहीं जाने के कारण कई फंड को बेवजह लिया जा रहा है। अभिभावकों का कहना था कि सिर्फ ट्यूशन फीस ही ली जाए। उधर, प्राइवेट स्कूलों ने कहा कि उन्हें शिक्षकों और दूसरे कर्मचारियों का वेतन देने के लिए पैसा चाहिए। इसी बात को लेकर प्राइवेट स्कूल और अभिभावकों में विवाद काफी बढ़ गया। आखिर में मामला कोर्ट में पहुंच गया। कई सुनवाई के बाद 28 मई को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने साफ कर दिया कि प्राइवेट स्कूलों को बैलेंसशीट वेबसाइट पर जारी करनी होगी। हाईकोर्ट के फैसले का पेरेंट्स एसोसिएशन ने भी स्वागत किया है।


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