Chandigarh Pollution Update: चंडीगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स अब भी 100 के पार, दीवाली के प्रदूषण से कुछ राहत
चंडीगढ़ में शनिवार की सुबह शहर का एक्यूआइ 106 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया जबकि दीपावली की रात एक्यूआइ 409 माइक्राेग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया था। दीपावली की शाम 7 बजे से रात 12 बजे तक एक्यूआइ 304 से 409 के बीच रहा।
विशाल पाठक, चंडीगढ़। चंडीगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स एक्यूआइ शनिवार सुबह 10 बजे भी 100 के पार दर्ज किया गया। शनिवार की सुबह शहर का एक्यूआइ 106 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया जबकि दीपावली की रात शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 409 माइक्राेग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया था। दीपावली की शाम 7 बजे से रात 12 बजे तक एक्यूआइ 304 से 409 के बीच रहा। बीते 24 घंटे में शहर का एक्यूआइ 135 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया था। शुक्रवार सुबह नौ बजे एक्यूआइ 85 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था। इस बार दीपावली पर चंडीगढ़ प्रशासन ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बावजूद शहर में जमकर आतिशबाजी हुई। इसके अलावा पंजाब और हरियाणा में भी जमकर आतिशबाजी की वजह से शहर का प्रदूषण स्तर बढ़ा।
दीपावली की शाम छह बजे तक एक्यूआइ 100 से नीचे
दीपावली की शाम छह बजे तक शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से नीचे था। लेकिन शाम छह बजे के बाद अचानक शहर का प्रदूषण स्तर बढ़ा। चीफ कंजर्वेटर फॉरेस्ट देबेंद्र दलाई ने कहा प्रदूषण स्तर बढ़ने का मुख्य कारण था लोगों द्वारा की गई आतिशबाजी।
सेक्टर-22 और 25 में एक्यूआइ सबसे खराब था
सेक्टर-22 में दीपावली की रात 10 बजे और 25 में रात 11 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया था। वहीं सेक्टर-39 और 12 के एक्यूआइ स्टेशन पर प्रदूषण स्तर बेहद ही खराब दर्ज किया गया। रात 2 बजे के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार हुआ।
सेक्टर-39 में सबसे ज्यादा हुआ ध्वनि प्रदूषण
दीपावली की रात शहर में सेक्टर-39 की ओर सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण दर्ज किया गया। इधर 78.2 डेसीबल दर्ज किया गया। जबकि सबसे कम ध्वनि प्रदूषण सेक्टर-17 में 58.4 डेसीबल दर्ज किया गया।
3,900 जगहाें पर जली पराली
दीपावली की रात चंडीगढ़ से सटे पंजाब और हरियाणा में किसानों ने जमकर पराली जलाई। पीजीआइ के पर्यावरण विशेषज्ञ प्राेफेसर रविंदर खाईवाल ने बताया कि दीपावली की रात पंजाब और हरियाणा में 3,900 जगहों पर पराली जली, जो कि इस सीजन में अब तक सबसे अधिक रहा।
पहले एक्यूआई ने तोड़े रिकॉर्ड
नवंबर 2017 में एक्यूआइ 400 को पार कर गया था। जिसने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। नवंबर के आस-पास पैडी सीजन में पराली जलना ही एक्यूआइ बढ़ने की सबसे बड़ी वजह माना जाती है। बचाव के लिए एडवाइजरी जारी करनी पड़ी थी। सांस संबंधी रोगियों को सबसे अधिक परेशानी हुई थी। इससे पहले राजस्थान की धूल भरी हवाओं से यह 800 तक भी पहुंच चुका है।