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यूपी में पीएससी अफसर बने चंडीगढ़ पुलिस के कांस्टेबल विजय राठी

यूटी पुलिस के कांस्टेबल विजय राठी का सलेक्शन यूपीपीएससी में हुआ है। मूल रूप से हरियाणा के सोनीपत स्थित गांव घनाना के रहने वाले 30 वर्षीय राठी अब उत्तर प्रदेश में बतौर यूपीपीएससी अफसर सेवाएं देंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 07:04 AM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 07:04 AM (IST)
यूपी में पीएससी अफसर बने चंडीगढ़ पुलिस के कांस्टेबल विजय राठी

कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़

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यूटी पुलिस के कांस्टेबल विजय राठी का सलेक्शन यूपीपीएससी में हुआ है। मूल रूप से हरियाणा के सोनीपत स्थित गांव घनाना के रहने वाले 30 वर्षीय राठी अब उत्तर प्रदेश में बतौर यूपीपीएससी अफसर सेवाएं देंगे। खास बात यह है कि यह कामयाबी उन्हें अपने पहले ही प्रयास में मिली है। इससे पूर्व उनका सलेक्शन मई 2011 में यूटी पुलिस में बतौर कांस्टेबल हुआ था। तब से वह यहां ड्यूटी निभा रहे थे। मगर इस दौरान भी उन्होंने आगे मुकाम हासिल करने के लिए अपनी तैयारी जारी रखी। 10 वर्ष तक कांस्टेबल के पद पर तैनात रहने के बाद अब राठी को जल्द उत्तर प्रदेश में पोस्टिग मिलेगी। कबड्डी खिलाड़ी भी रहे हैं विजय

दैनिक जागरण से बातचीत में विजय राठी ने बताया कि वह एक मई 2011 को चंडीगढ़ पुलिस में कांस्टेबल की पोस्ट पर भर्ती हुए थे। उस दौरान वह बीए तृतीय वर्ष के छात्र थे। विजय हरियाणा में ओपन प्रतियोगिताओं में कबड्डी खेलते थे। पुलिस विभाग में उन्हें पहली पोस्टिग पीसीआर विग में मिली थी। इसके बाद वीआइपी सिक्योरिटी के बाद उनकी तैनाती थाने में हुई थी। वर्तमान में राठी सेक्टर-26 पुलिस लाइन में तैनात थे। सेना में थे पिता

राठी ने बताया कि उनके पिता स्व. रमेश चंदर इंडियन आर्मी से रिटायर थे। उनकी एक वर्ष पहले ही मृत्यु हो चुकी है। विजय राठी तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर हैं। वह स्वभाव से काफी शांत और सरल हैं। उनकी 12वीं तक पढ़ाई गांव में हुई। इसके बाद उन्होंने एमडीयू रोहतक से ग्रेजुएशन की। उनके बड़े भाई अजय राठी रेलवे पुलिस फोर्स और छोटे भाई विकास राठी का हरियाणा में कपड़े का कारोबार है। जबकि इनकी माता राजबाला गृहिणी हैं। दिलचस्प हे कि घर वालों का दबाव होने के बावजूद कैरियर में कुछ अचीव करने तक राठी ने शादी न करने की ठानी थी। एसएसपी कुलदीप चहल से मिली प्रेरणा

विजय राठी चंडीगढ़ पुलिस के एसएसपी आइपीएस कुलदीप चहल को अपनी प्रेरणा मानते हैं। कुलदीप चहल के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर से आइपीएस बनने की सच्ची कहनी उनके लिए प्रेरणा बनी। इसके बारे में उन्हें विभाग में ज्वाइन करने के बाद ही पता चला। उन्होंने बताया कि विभाग के आला अधिकारियों ने उनका यह संभव सहयोग किया है। चहल की प्रेरणा और खुद पर भरोसे से ही उन्हें यह मुकाम हासिल हुआ है। कांस्टेबल के तौर पर ड्यूटी का अनुभव आएगा काम

राठी ने कहा कि जिदगी में अच्छी पद पर नियुक्त होना ही नहीं बल्कि अपने विचार, स्वभाव और साथ ड्यूटी करने वालों से तालमेल बैठाना भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए। कांस्टेबल ड्यूटी में मिले अनुभव जिदगी के हर मोड़ पर काम आएंगे। एक अफसर बनने के साथ अच्छा इंसान बनने का भी मुकाम पूरा होगा।


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