चंडीगढ़ निगम के अकाउंट से 28.51 लाख की ठगी के 2 आरोपितों को महाराष्ट्र से लाई पुलिस, एक दिन के रिमांड पर
चंडीगढ़ नगर निगम के बैंक अकाउंट से फर्जी चेक के जरिये 28.51 लाख रुपये की ठगी करने के मामले में यूटी पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। पुलिस दोनों शातिरों को महाराष्ट्र से प्रोडक्शन वारंट पर चंडीगढ़ लेकर आई है। दोनों एक दिन के रिमांड पर हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ नगर निगम के बैंक अकाउंट से फर्जी चेक के जरिये 28.51 लाख रुपये की ठगी करने के मामले में यूटी पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। हालांकि दोनों आरोपितों को महाराष्ट्र पुलिस ने पकड़ा था, इसके बाद चंडीगढ़ पुलिस दोनों को प्रोडक्शन वारंट पर चंडीगढ़ लेकर आई है। पुलिस ने दोनों को चंडीगढ़ जिला अदालत में पेश किया। आरोपितों की पहचान नागपुर के विकास और सरवन के रूप में हुई। दोनों शातिरों ने फर्जी चेक से 28.51 रुपये की राशि नगर निगम के अकाउंट से निकलवाई थी। जिला अदालत ने दोनों को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है। इससे पहले महाराष्ट्र के पुणे से सेक्टर-17 थाना पुलिस की टीम ने दो आरोपित नागपुर निवासी आनंद उर्फ बंटी नैय्यर और कमल को गिरफ्तार किया था।
पुलिस के अनुसार नगर निगम के चीफ अकाउंटेंट ऑफिसर वरिदर सिंह ठाकुर ने सेक्टर-17 थाना पुलिस को शिकायत दी थी। 13 अक्टूबर और 16 अक्टूबर को बैंक ऑफ बड़ौदा में दो फर्जी चेक 98.51 लाख व 22.50 लाख का एक अन्य चेक लगाया था। इन दोनों चेक पर शक होने पर बैंक मैनेजर ने नगर निगम से क्रॉस चेक किया तो पता चला कि यह चेक वहां से जारी ही नहीं हुए। इसके चलते दोनों चेक की स्टॉप पेमेंट करवाई गई। इसके बाद जब नगर निगम ने अपना बैंक रिकार्ड चेक किया तो पता कि ऐसे ही एक और फर्जी चेक के जरिये 11 अक्टूबर को नगर निगम के खाते से 28.51 लाख की पेमेंट कार्तिके फिश प्लांट, वाणी के खाते में ट्रांसफर हुए थे।
इसके बाद आरोपितों को पकड़ने के लिए एसएचओ सेक्टर-17 रामरत्न शर्मा ने बस स्टैंड चौकी इंचार्ज गुरु जीवन सिंह चहल के नेतृत्व में एक टीम बनाई। पुलिस ने 28.51 लाख रुपये का चेक बैंक में लगवाने वाले आरोपितों को दबोचा था। जिसे पुलिस ने 26 अक्टूबर को कोर्ट में पेश कर आठ दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया था। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि कोटा मछली बेचने का काम करता है। आरोपित नैय्यर व कमल भी उससे मछलियां खरीदकर आगे बेचते थे।