चंडीगढ़ ओवरसीज कंपनी को लौटाने होंगे 23 लाख रुपये, 7 साल तक नहीं दिया फ्लैट का पजेशन और एग्रीमेंट लेटर
कमीशन ने कंपनी और उसके मैनेजिंग डायरेक्टर सागर सेथिया को एक नोटिस भेजा जिसमें उन्हें अपना पक्ष रखने को कहा गया। कंपनी की ओर से कहा गया कि शिकायतकर्ता की शिकायत झूठी है और कंपनी ने वादे के मुताबिक उन्हें फ्लैट का पजेशन दे दिया है।
वैभव शर्मा, चंडीगढ़। चंडीगढ़ ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ चंडीगढ़ स्टेट कमीशन ने फैसला सुनाया, जिसमें कंपनी पर 75 हजार रुपये हर्जाना तो लगाया ही, साथ में कंपनी को 12 फीसद प्रति वर्ष ब्याज के साथ 23 लाख रुपये 30 दिन में वापस करने का आदेश भी दिया। चंडीगढ़ ओवरसीज कंपनी के खिलाफ मोहाली फेज-7 के रहने वाले 63 वर्षीय अमर प्रकाश ने साल 2019 में शिकायत दी थी।
शिकायतकर्ता ने उक्त कंपनी से साल 2011 में मोहाली सेक्टर-90 स्थित प्रोजेक्ट में फैशन टेक्नोलॉजी पार्क में एक फ्लैट लिया था। कंपनी ने 90 दिनों में फ्लैट का पोजेशन और एग्रीमेंट लेटर देने की बात कही थी, लेकिन आठ साल बीत जाने के बाद भी कंपनी ने न तो पजेशन दिया गया और न ही एग्रीमेंट लेटर।
कंपनी पेश नहीं कर पाई को सबूत
कमीशन ने कंपनी और उसके मैनेजिंग डायरेक्टर सागर सेथिया को एक नोटिस भेजा, जिसमें उन्हें अपना पक्ष रखने को कहा गया। कंपनी की ओर से कहा गया कि शिकायतकर्ता की शिकायत झूठी है और कंपनी ने वादे के मुताबिक उन्हें फ्लैट का पजेशन दे दिया है जबकि एग्रीमेंट लेटर 10 साल में देने की बात हुई थी। जस्टिस राज शेखर अत्री ने कंपनी से पजेशन देने की स्लीप या अन्य कोई दस्तावेज दिखाने को कहा तो कंपनी कोई सबूत पेश नहीं कर पाई।
शिकायतकर्ता ने नहीं दी पूरी राशि
इसके साथ ही कंपनी की तरफ से यह भी कहा गया कि शिकायतकर्ता ने उन्हें फ्लैट की पूरी राशि भी नहीं दी है। शिकायतकर्ता अमर प्रकाश ने कमीशन के समक्ष पूरे दस्तावेज रखे, जब-जब कंपनी को राशि दी गई। उन्होंने कमीशन को बताया कि तीन फरवरी 2011 को उन्होंने कंपनी को 50 हजार रुपये की राशि दी। इसके बाद सात फरवरी को साढे़ चार लाख रुपये और दस लाख रुपये, 19 फरवरी को पांच लाख रुपये और तीन लाख रुपये के दो चेक दिए थे जोकि बाउंस नहीं हुए थे, उनकी ट्रांजेक्शन हुई थी।