चंडीगढ़ के मनोनीत पार्षदों को लेकर सुप्रीम कोर्ट और मेयर चुनाव रद की मांग पर आज हाई कोर्ट में सुनवाई
चंडीगढ़ नगर निगम के लिए आज अहम दिन है। क्योंकि निगम के दो फैसलों पर आज सुनवाई होगी। मनोनित पार्षदों को मत का अधिकार मामले में सुप्रीम कोर्ट तो मेयर चुनाव रद की मांग पर हाई कोर्ट में सुनवाई होगी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ नगर निगम के मनोनीत पार्षद के मत के अधिकार के मामले में बुधवार यानी आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। तो वहीं, आम आदमी पार्टी की तरफ से मेयर चुनाव को रद कर दोबारा करवाने की मांग को लेकर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई होगी। ऐसे में आज नगर निगम को लेकर दो अहम फैसले आने की उम्मीद है।
साल 2016 में पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर मनोनीत पार्षदों से मत का अधिकार वापस ले लिया गया था। इसके खिलाफ चंडीगढ़ प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। उस समय से ही सुप्रीम कोर्ट में यह मामला विचाराधीन है। पहले यह सुनवाई मंगलवार को होनी थी लेकिन सुनवाई को एक दिन के लिए टाल दिया गया था। मेयर चुनाव के बाद अभी तक प्रशासन की ओर से नए नगर निगम के कार्यकाल के लिए मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति नहीं की है। प्रशासन की तरफ से नौ मनोनित पार्दष नियुक्त किए जाते हैं।
सूत्रों का कहना है कि प्रशासन की ओर से सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की तारीख के कारण ही मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति नहीं की गई है। अब इस सुनवाई के बाद प्रशासन मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति करेगा। इस समय मनोनीत पार्षद बनने के लिए शहर के कई प्रतिष्ठित लोग वीआइपी और नेता प्रयास कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से 9 मनोनीत पार्षद नियुक्त किए जाने हैं। 24 जनवरी को नगर निगम की पहली सदन की बैठक होनी है। जानकारी के अनुसार प्रशासन इससे पहले मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति करेगा। साल 2016 तक हुए मेयर चुनाव में मनोनीत पार्षद भी मतदान करते थे।
वहीं, पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में भी मेयर चुनाव रद की मांग पर आज सुनवाई होगी। उच्च न्यायलय में आम आदमी पार्टी की मेयर उम्मीदवार रहीं अंजू कत्याल और दो अन्य पार्षदों ने मेयर चुनाव रद कर दोबारा करवाने के लिए याचिका दायर की है।