चंडीगढ़ नगर निगम की सदन की बैठक आज, हंगामा होने के पूरे आसार, इन प्रस्तावों पर होगी चर्चा
चंडीगढ़ नगर निगम की सदन की बैठक आज होने वाली है। हालांकि यह बैठक फिजिकल नहीं बल्कि वर्चुअल होगी। बैठक में जो प्रस्ताव चर्चा के लिए आ रहे हैं उनको लेकर हंगामें के पूरे आसार बने हुए हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ में पानी के बढ़े हुए दाम पर प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने मार्च 2022 तक रोक लगा दी है। क्या प्रशासन ने बढ़ाए गए पानी के दाम की अधिसूचना का आदेश वापस या रद किया है, जो बढ़े हुए बिल लिए गए उनके समायोजन होंगे। क्या सीवरेज सेस 30 प्रतिशत से 5 प्रतिशत होगा। कोरोना महामारी में कैसे प्रशासन ने लोगों को पानी के टैरिफ रेट में सहूलियत दी। किस दिन से लोगों को राहत दी जाएगी। इन सभी सवालों के जवाब पर कमिश्नर केके यादव अपना पक्ष रखेंगे। उक्त सभी सवाल चंडीगढ़ कांग्रेस ने पूछे हैं।
कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ के उक्त सवालों को प्रस्ताव में शामिल किया गया है। नगर निगम की आज होने वाली सदन की बैठक में हंगामे के पूरे आसार हैं। हालांकि यह फिजिकल नहीं बल्कि वर्चुअल हो रही है। इस बैठक में सबसे ज्यादा हंगामा पानी के दाम और दक्षिणी सेक्टरों में सड़कों की सफाई का अनुबंध लायंस कंपनी के साथ बढ़ाने के प्रस्ताव पर होगा। कई पार्षद लायंस कंपनी का अनुबंध बढ़ाने का समर्थन कर रहे हैं। अगर भाजपा ने अनुबंध बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया तो कांग्रेस इस पर हंगामा करेगी।
निगम हर साल लायंस कंपनी को करता है चार करोड़ का भुगतान
नगर निगम की ओर से हर माह साढ़े चार करोड़ रुपये का भुगतान लायंस कंपनी को किया जा रहा है। कांग्रेस पार्षद देवेंद्र सिंह बबला का कहना है कि दक्षिणी सेक्टरों में सफाई का काम कर रही लायंस कंपनी का अनुबंध बढ़ाने के प्रस्ताव का वह विरोध करेंगे।
इन मुद्दों पर भी होगी चर्चा
नगर निगम वाहनों पर विज्ञापन की पॉलिसी की नियम व शर्तों का प्रस्ताव पास करने के लिए ला रहा है। इसके अलावा सेक्टर 23 के जंज घर के निर्माण की अनुमति, तीनों रोड डिवीजन में साइन बोर्ड लगाने की अनुमति, सेक्टर 29 स्थित मैंगो गार्डन में पाइप लाइन डालने, सेक्टर 25 स्थित कचरा निस्तारण प्लांट के अपग्रेडेशन के अलावा सीएनडी वेस्ट प्लांट के प्रक्रिया को बढ़ाने का प्रस्ताव भी चर्चा के लिए आ रहा है। कांग्रेस पार्षद देवेंद्र सिंह बबला का कहना है कि जब से रविकांत शर्मा मेयर बने हैं तब से ऐसा कोई काम नहीं हुआ है, जिससे नगर निगम का नाम रोशन हो। स्वच्छता रैकिंग में लगातार चंडीगढ़ पिछड़ रहा है ।सड़कों और पार्कों का बुरा हाल है। जो कांग्रेस के कार्यकाल में शहर में फाउटेंन चलते थे वह भी बंद पड़े हैं। बाजारों के शोचालयों का बुरा हाल है।