1.15 करोड़ रुपये से लगाए पौधे सूख जाने के बाद नींद से जागा चंडीगढ़ नगर निगम, अब दिया जा रहा पानी
चंडीगढ़ में सवा करोड़ रुपये की लागत से लगाए गए पौधों के सूख जाने के बाद अब निगर निगम उन्हें पानी देकर जीवित करने का प्रयास कर रहा है। ऐसे में चंडीगढ़ कांग्रेस नेता संदीप भारद्वाज ने इस मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है।
चंडीगढ़, जेएनएन। सिटी ब्यूटीफुल की सड़कों के किनारे जो सवा करोड़ रुपये की लागत से ज्यादा के पौधे लगाए गए हैं। उनके सुख जाने की खबर प्रकाशित होने के बाद नगर निगम नींद से जागा है। चंडीगढ़ नगर निगम (Chandigarh Municipal Corporation) ने सूखे हुए पौधों की जगह हरे-भरे पौधे लगा दिए हैं और पहले से सूख रहे पौधों पर पानी दिया जा रहा है, ताकि उनमें फिर से जान आ सके। चंडीगढ़ कांग्रेस (Chandigarh Congress) नेता संदीप भारद्वाज ने इस संबंध में सीबीआइ (CBI) जांच की मांग की थी। मामले की शिकायत लिखित में सलाहकार मनोज परीदा से भी की है।
साल 2019 में जब सवा करोड़ रुपये की लागत से पौधे लगाने का टेंडर निकाल कर काम अलाट किया गया था। उस समय शहरवासियों ने इस प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े किए थे। संदीप भारद्वाज का कहना है कि बेशक मामला उजागर होने के बाद पौधों को पानी देना शुरू कर दिया गया है। लेकिन इस पूरे मामले की फिर भी जांच होनी चाहिए। जिस ठेकेदार को पौधे लगाने की जिम्मेदारी दी गई थी, पौधों का रखरखाव उसे ही करना था। लेकिन समय पर पानी न देने के कारण पौधे सूख गए हैं। नगर निगम के पास सड़कों की कारपेटिंग के लिए पैसा नहीं है। लेकिन पहले से हरे भरे शहर में सवा करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि के पौधे क्यों लगाए गए। यह जनता के पैसे की बर्बादी है।
पर्यावरण प्रेमी राहुल महाजन का कहना है कि यह काफी महंगे पौधे लगाए गए हैं जबकि यह काम 50 लाख से भी ज्यादा का नहीं था। जब यह टेंडर निकाला गया था उस समय ही उन्होंने इस पर सवाल उठाए थे और इसकी लिखित शिकायत भी प्रशासन को की थी। उनका कहना है कि उन्हें खुशी है कि उनके अलावा कांग्रेसी नेता संदीप भारद्वाज ने भी यह मामला उठाया है। उन्होंने आरोप है कि भ्रष्टाचार इतना बड़ा हुआ है कि अधिकारी उनकी सुनने को तैयार नहीं थे।
मालूम हो कि सड़क किनारे यह पौधे लगाने के लिए राशि पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से चंडीगढ़ नगर निगम को दी गई थी, ताकि शहर का प्रदूषण कम हो सके। कांग्रेस नेता संदीप भारद्वाज का कहना है कि सूखे हुए पौधों को पानी दिया जा रहा है। लेकिन इसका अब फायदा नहीं होने वाला है क्योंकि यह पौधे सूख चुके हैं और दिखावे के लिए यह सब किया जा रहा है। उनका कहना है कि सलाहकार इस घोटाले की सीबीआइ जांच करवाएं। सलाहकार के पास ही विजिलेंस विभाग है। ऐसे में वह विजिलेंस जांच भी करा सकते हैं। सलाहकार मनोज परीदा चीफ विजिलेंस अधिकारी भी हैं।
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