चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव: शहर के इस वार्ड में हर बार रहा महिला पार्षद का रहा दबदबा
शहर में एक वार्ड ऐसा भी है जहां जब से नगर निगम चुनाव हो रहे हैं तब से महिला पार्षद का ही दबदबा रहा है। साल 1996 से लेकर अब तक पांच बार नगर निगम चुनाव हो चुके हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव को लेकर राजनीतिक बिसात बिछ चुकी है। हर दल तैयार है। वहीं, शहर में एक वार्ड ऐसा भी है जहां जब से नगर निगम चुनाव हो रहे हैं तब से महिला पार्षद का ही दबदबा रहा है। साल 1996 से लेकर अब तक पांच बार नगर निगम चुनाव हो चुके हैं। इस बार छठी बार नगर निगम के गठन के लिए चुनाव हो रहा है। हर बार महिला वार्ड की संख्या भी बढ़ा दी गई है। इस बार प्रशासन ने 12 वार्ड महिलाओं के लिए रिजर्व किए हैं।
वार्ड नंबर-23 ऐसा एरिया जहां पर साल 1996 से लेकर हर बार महिला पार्षद को प्रतिनिधित्व का मौका मिला है। इस दौरान यह वार्ड जनरल कैटेगरी के लिए भी रिजर्व हुआ है। बावजूद यहां से महिला उम्मीदवार को ही एरिया के लोगों ने अपना समर्थन दिया। इस वार्ड से सबसे ज्यादा बार हरजिंदर कौर को पार्षद के तौर पर काम करने का मौका लोगों ने दिया।हरजिंदर कौर चार बार इस एरिया से पार्षद रह चुकी है। हरजिंदर कौर अकाली दल की नेत्री है। जबकि इस समय कांग्रेस की रविंदर कौर गुजराल पार्षद हैं। नई वार्डबंदी में यह वार्ड फिर से महिला के लिए रिजर्व हुआ है। ऐसे में कांग्रेस की रविंदर कौर गुजराल फिर से मैदान में उतर गई हैं। चार बार इस वार्ड से पार्षद रही हरजिंदर कौर नगर निगम की दो बार मेयर भी रह चुकी हैं। पहले इस वार्ड में सेक्टर-34, 35 और 44 का एरिया आता था लेकिन नई वार्डबंदी के बाद सेक्टर-44 को हटा दिया गया है और सेक्टर-43 शामिल किया गया है। मालूम हो कि नगर निगम के पांच साल के कार्यकाल में दो बार मेयर का पद महिला के लिए रिजर्व है।
उम्मीदवार तय करने के लिए कांग्रेस ने चुनाव कमेटी का किया गठन
नगर निगम चुनाव के लिए उम्मीदवार तय करने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने चुनाव कमेटी का गठन किया है। पार्टी प्रभारी हरीश चौधरी ने इस कमेटी का गठन किया है। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष, पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल, डीडी जिंदल, पवन शर्मा, जीत सिंह बहलाना और लव कुमार को शामिल किया गया है। इसके साथ ही विशेष आमंत्रित सदस्यों में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष मनोज लुभाना, महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपा अस्धीर दूबे, एनएसयूआइ अध्यक्ष रितिंदर सिंह रॉबी और सेवा दल के संयोजक डा. ओपी वर्मा को भी कमेटी शामिल किया गया है। ऐसे में उम्मीदवार शार्ट लिस्ट करने की जिम्मेदारी इन सदस्यों की है। हालांकि उम्मीदवार तय करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल ही अंतिम मुहर लगाएंगे।