चंडीगढ़ नगर निगम कर्मचारी ने निकाला Smart Watch का तोड़, लेकिन अधिकारी तक पहुंच गई खबर
चंडीगढ़ नगर निगम के सभी कर्मचारियों के लिए स्मार्ट वॉच पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। जिसका सफाई कर्मचारी यूनियन विरोध भी कर रही है। असल अब स्मार्ट वॉच पहनने के बाद कोई भी कर्मचारी फरलो नहीं मार सकता।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ नगर निगम के सभी कर्मचारियों के लिए स्मार्ट वॉच पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। जिसका सफाई कर्मचारी यूनियन विरोध भी कर रही है। असल अब स्मार्ट वॉच पहनने के बाद कोई भी कर्मचारी फरलो नहीं मार सकता। लेकिन फिल्ड में रहने वाले एक कर्मचारी ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है। लेकिन इसकी जानकारी निगम अधिकारियों तक पहुंच चुकी है।
भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने खुद इस बात का खुलासा किया है। उन्होंने इसकी जानकारी नगर निगम कमिश्नर केके यादव को सदन की बैठक के दौरान दी। उन्होंने बताया कि सेक्टर-32 से पार्षद गुरप्रीत ढिल्लो ने उन्हें जानकारी दी है कि एक कर्मचारी ने अपनी घड़ी फल बेचने वाले विक्रेता की कलाई में बांध दी है। जिससे फल विक्रेता इधर उधर घूमता रहता है और घड़ी की मूवमेंट होने से यह पता चलता रहता है कि कर्मचारी भी काम कर रहा है। असल में ज्यादा दिक्कत कर्मचारी नेताओं को हैं। क्योंकि वह नगर निगम का सरकारी काम करने की बजाय अपनी लीडरी चमकाने के लिए इधर उधर घूमते रहते हैं। उन्हें पता है कि अगर उन्होंने भी स्मार्ट वॉच पहन ली तो यह पता चल जाएगा कि वह कितना सरकारी काम करते हैं।
चांदी के गिलास में पानी
चंडीगढ़ नगर निगम की हाल ही में हुई सदन की बैठक में 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू करने के प्रोजेक्ट पर मंथन हुआ। जिसमें कमिश्नर सहित अधिकारियों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए 98 करोड़ रुपये की ग्रांट इन एड मिल रही है, जो कि वापस नहीं लौटानी है। फ्रांस से 438 करोड़ रुपये का लोन लिया जा रहा है।
लेकिन कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ ने प्रोजेक्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह से बताया जा रहा है जैसे चांदी या सोने के गिलास में शहरवासियों को पानी मिलेगा। पानी तो इसी तरह से ही मिलेगा जिस तरह से अभी लो प्रेशर से ऊपर की मंजिलों में रहने वालों को मिल रहा है। जब यह प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा तो रेट फिर से बढ़ जाएंगे। सदन में हर भाजपा पार्षद को इस बात की जानकारी है कि जब यह प्रोजेक्ट साल 2007 में शुरू होगा तो बिना रेट बढ़ाए लोन की राशि वापस नहीं की जा सकती और यह प्रोजेक्ट भी नहीं चल सकता है। लेकिन किसी भी भाजपा पार्षद ने रेट बढ़ने की संभावना का मुद्दा नहीं छेड़ा। क्योंकि भाजपा नेता पहले से वर्तमान में बढ़े हुए रेट के मुद्दे से दुखी हैं।
हींग लगे न फिटकरी
चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर ने हाल ही में एपी लैंड फंड से दो करोड़ रुपये की राशि पीजीआइ को वेंटिलेटर खरीदने के लिए दी। सांसद इसकी जानकारी ट्वीटर के जरिये दी। जिसमें उन्होंने दी गई राशि के लिए दान (डोनेट) शब्द का प्रयोग किया है। भाजपा नेताओं ने सांसद द्वारा दी गई इस राशि पर खूब वाहावाही लूटने का भी प्रयास किया। भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने भी सांसद किरण खेर के ट्वीटर को शेयर किया। दान शब्द का प्रयोग करने पर कांग्रेस नेताओं को विरोध करने का मौका मिल गया। कांग्रेस नेताओं ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकारी खजाने में से पैसा पीजीआइ को ट्रांसफर होना है। लेकिन सांसद किरण खेर इसे दान कह रही हैं। कांग्रेस नेता यादविंदर मेहता ने सोशल मीडिया पर कहा कि इसको कहते हैं हींग लगे न फिटकरी और सांसद कह रही है कि एक करोड़ रुपये दान किए हैं।
एक से मेरा क्या होगा
हर दल एक नेता एक पद की नीति को लागू करने का दावा करता है, लेकिन नेता है कि मानते ही नहीं हैं। वह चाहते हैं कि उन्हें ही पार्टी के सभी पद मिल जाएं, इसलिए ही वह एक से ज्यादा पद की मांग करते हैं। ऐसे में आम और जूनियर नेता किस तरह से आगे आएगा। कांग्रेस की ओर से जल्द ही प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किया जाना है। जिसके लिए अध्यक्ष सुभाष चावला की ओर से मंथन शुरू कर दिया गया है। जिसमे कई सीनियर नेताओं को अडस्ट करना मुश्किल हो रहा है। लेकिन चंद नेता ऐसे भी हैं जिन्होंने यह दबाव बनाया हुआ है कि उन्हें एक से ज्यादा पद चाहिए। पार्टी की ओर से चार प्रवक्ता बनाए हुए हैं। यह प्रवक्ता भी चाहते है कि उन्हें प्रदेश कार्यकारिणी में और भी पद दिया जाएं। उन्होंने अभी से यह कहना शुरू कर दिया है कि वह पद भी लेंगे और टिकट भी। जबकि एक नेता द्वारा तो अपने बेटे के लिए और पत्नी के लिए भी पद मांगा जा रहा है। अगर पार्टी एक नेता को एक से ज्यादा पद देने से इंकार करती है तो वह नेता ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी के उन नेताओं का उदाहरण दे देता है जिन्हें एक से ज्यादा पद मिले हुए हैं।