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चंडीगढ़ नगर निगम चीफ इंजीनियर शैलेंद्र और पत्नी कोरोना से ठीक होने के बाद बोले- डरें नहीं, मोटिवेट रहें

शैलेंद्र और उनकी पत्नी विनीता भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे। लेकिन अब वह पूरी तरह से स्वस्थ होकर रूटीन लाइफ में लौट चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना होने पर डरने से ज्यादा मोटिवेट रहने की जरूरत होती है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sun, 25 Apr 2021 04:53 PM (IST)Updated: Sun, 25 Apr 2021 04:53 PM (IST)
चंडीगढ़ नगर निगम चीफ इंजीनियर शैलेंद्र और पत्नी कोरोना से ठीक होने के बाद बोले- डरें नहीं, मोटिवेट रहें
चंडीगढ़ नगर निगम चीफ इंजीनियर शैलेंद्र और पत्नी विनीता।

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। परिवर्तन जीवन का नियम है। इंसान का समय कभी एक जैसा नहीं रहता। यह कहना है चंडीगढ़ नगर निगम के चीफ इंजीनियर शैलेंद्र सिंह का। शैलेंद्र और उनकी पत्नी विनीता भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे। लेकिन अब वह पूरी तरह से स्वस्थ होकर रूटीन लाइफ में लौट चुके हैं।

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शैलेंद्र रूटीन में ऑफिस आ रहे हैं। शैलेंद्र ने बताया कि जब मुझे बुखार हुआ तो मैंने कोविड वैक्सीनेशन की दोनों डोज ले ली थी। मुझे बुखार से शुरुआत हुई लेकिन हालत ज्यादा खराब नहीं थी क्योंकि मैंने वैक्सीन लगवा ली थी, जिसके चलते मैंने घर में आइसोलेट होने के बावजूद ऑफिस का ऑनलाइन काम शुरू कर दिया। मैंने अपना शेड्यूल ठीक वैसा ही बना लिया जैसे आम दिनों में ऑफिस जाने के समय था। सुबह उठने के बाद फ्रैश होना और उसके बाद ब्रेक फास्ट करके कंप्यूटर के आगे काम के लिए बैठ जाता था। मुझे पॉजिटिव हुए अभी चंद दिन ही हुए थे कि मेरी पत्नी विनीता को भी कोरोना हो गया। पत्नी को कोरोना होने के बाद मेरा शेड्यूल पूरा ऑफिस जैसा हो गया और एक भी बार नहीं लगा कि मुझे कुछ हुआ है। यह बात जरूर थी कि मैं कमरे के बाहर निकलकर गली या पार्क में नहीं जा सकता था, इसके अलावा सब आम दिनों की तरह चल रहा था।

बर्थडे और होली सेलीब्रेशन किया वर्चुअल

शैलेंद्र ने बताया कि जब मैं और मेरी पत्नी विनीता कोरोना पॉजिटिव थे तो उस समय पहले मेरा जन्मदिन आया जिसमें मेरे परिवार के सदस्यों ने हमें कमरे में लाकर केक दिया और उसकी कटिंग ऑनलाइन करवाई। मैं और पत्नी केक काटते हुए कमरे में चाहे बंद थे, लेकिन सभी अपनों का ऑनलाइन एक ही मंच पर आना एक अनोखा अनुभव था। जन्मदिन के बाद होली आई। जिस पर भी हमारे घर वालों ने हमें रंगों की जगह पर चंदन लाकर दिया और हम दोनों ने चंदन का टीका लगाकर होली मनाई। उस समय भी हम परिवार के अन्य सदस्यों के साथ वर्चुअल जुड़े। शैलेंद्र ने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है यह मैंने सुना था लेकिन जब मेरा साथ हुआ तो वह अनोखा और बेहतरीन अनुभव था।

मोटिवेशन और सहयोग जरूरी

शैलेंद्र की पत्नी विनीता ने बताया कि कोरोना होने के बाद डरने से कहीं ज्यादा जरूरी है कि हम मोटिवेट रहें और परिवार हमारा सहयोग करे। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी शैलेंद्र ऑफिस के काम पर जुटे रहे और मैं ऑनलाइन परिवार के सदस्यों के साथ जुड़ी रही। जिन्होंने ठीक उसी तरह से हमारे साथ व्यवहार किया जैसे आम दिनों में करते है। हम डॉक्टर की बताई दवा लेते रहे और जल्द ठीक होकर परिवार के पास लौट आए।


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