चंडीगढ़ में मेयर पद का मामला पहुंचा नड्डा और शाह के पास, चार जनवरी को भाजपा घोषित करेगी उम्मीदवार
चंडीगढ़ में मेयर पद के उम्मीदवार का मामला बीजेपी हाईकमान तक पहुंच चुका है। मेयर पद का उम्मीदवार बनने के लिए भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने भी दावा ठोका है। इसलिए पार्टी हाईकमान को उम्मीदवार का नाम फाइनल करने में काफी मशक्कत और मंथन करना पड़ रहा है।
चंडीगढ़, जेएनएन। सिटी ब्यूटीफुल के बनने वाले नए मेयर का मामला राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के पास पहुंच गया है। इस बार मेयर पद का उम्मीदवार बनने के लिए भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने भी दावा ठोका है। इसलिए पार्टी हाईकमान को उम्मीदवार का नाम फाइनल करने में काफी मशक्कत और मंथन करना पड़ रहा है, क्योंकि पार्टी स्थानीय स्तर पर किसी को नाराज करके उम्मीदवार का नाम तय नहीं करना चाहती। पार्टी निरंतर पार्टी अध्यक्ष अरुण सूद के अलावा सांसद किरण खेर, पूर्व सांसद सत्यपाल जैन और पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन के संपर्क में है। सभी से बात करके ऐसा उम्मीदवार देने का प्रयास किया जा रहा है जो कि सभी को मान्य हो।
मालूम हो कि इस बार मेयर पद के लिए दावेदार सबसे ज्यादा है क्योंकि यह साल नगर निगम का अंतिम कार्यकाल है। आठ जनवरी को मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए मतदान होगा।जिसके लिए चार जनवरी तक नामांकन भरने की अंतिम तारीख तय की गई है।भाजपा चार जनवरी को ही उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करेगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सगठन मंत्री से सलाह मशवरा करने के लिए प्रभारी एवं सांसद दुष्यंत गौतम चार जनवरी को चंडीगढ़ आएंगे और उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करेंगे। पार्टी का यह भी प्रयास है कि मेयर पद का उम्मीदवार घोषित करने के बाद कोई बवाल पैदा न हो। कोई बागी मैदान में न उतरे इसके लिए भी पार्टी ने यह रणनीति तय की है कि चार जनवरी को ही नामांकन के दिन ही उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जाएं ताकि गुटबाजी के लिए समय न दिया जा सके।
इनके नाम पर हो रहा है मंथन
पार्टी अध्यक्ष अरुण सूद के अलावा महेश इंद्र सिद्धू, शक्तिदेव शाली,सीनियर डिप्टी मेयर रविकांत शर्मा, डिप्टी मेयर जगतार जग्गा, आशा जसवाल और विनोद अग्रवाल के नाम पर मंथन कर रही है।
कांग्रेस सोमवार को भरेंगे नामांकन
कांग्रेस ने मेयर पद के लिए देवेंद्र सिंह बबला, सीनियर डिप्टी मेयर के लिए रविंदर कौर गुजराल और डिप्टी मेयर पद के लिए सतीश कैंथ को उम्मीदवार बनाया है जो कि सोमवार को नामांकन दाखिल करेंगे।कांग्रेस नेताओं को संभावना है कि भाजपा में किसी एक नाम का नाम मेयर पद के उम्मीदवार के लिए तय होने के बाद बवाल पैदा होगा।इसे भी कांग्रेस ने भुनाने के लिए रणनीति तैयार की है
उम्मीदवार तय करने के बाद होता है बवाल
पिछले तीन साल में यह देखा गया है कि भाजपा में किसी एक का नाम तय करने पर अन्य दावेदारों की नाराजगी सामने आई है।साल 2018 में जब पार्टी ने देवेश मोदगिल को उम्मीदवार बनाया था तो आशा जसवाल ने नाराजगी जाहिर करते हुए पार्टी के खिलाफ निर्दलीय तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया था।जिसके बाद चुनाव के दिन नेताओं के मनाने पर आशा जसवाल ने नाम वापस ले लिया था।साल 2019 में जब पार्टी ने राजेश कालिया को उम्मीदवार बनाया था तो सतीश कैंथ ने बगावत करके कांग्रेस के समर्थन से मेयर का चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गए थे।ऐसे में अब पार्टी अंतिम कार्यकाल होने के कारण ऐसा बवाल नहीं चाहती है।
मेयर चुनाव के लिए किसके पास कितने है वोट
दल मत
भाजपा 20
कांग्रेस 5
अकाली 1
सांसद 1