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रैग पिकर से मेयर बने कालिया को लॉन में चाहिए झूला, जानें क्या हैं और मांगें

चंडीग़ढ़ के मेयर राजेश कालिया ने बुधवार को परिवार के साथ सेक्टर-24 की सरकारी कोठी में गृहप्रवेश किया। उन्होंने सरकारी कोठी में कई सुविधाओं की मांग की है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 02:27 PM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 02:27 PM (IST)
रैग पिकर से मेयर बने कालिया को लॉन में चाहिए झूला, जानें क्या हैं और मांगें
रैग पिकर से मेयर बने कालिया को लॉन में चाहिए झूला, जानें क्या हैं और मांगें

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : रैग पिकर से मेयर बनने के बाद अपने कार्यालय में आलीशान कुर्सी ठुकराने वाले राजेश कालिया को अब अपनी सरकारी कोठी के लॉन में झुलने के लिए झूला चाहिए। मेयर कालिया ने बुधवार को परिवार के साथ सेक्टर-24 की सरकारी कोठी में गृहप्रवेश किया। उन्होंने सरकारी कोठी में झूले सहित कई अन्य चीजों की मांग की है। लिखित नोट में तत्काल प्रभाव से ये चींजे भेजने के लिए कहा गया है। इंजीनियरिंग विंग ने इनकी खरीद से पहले ऑडिट विभाग से इसकी मंजूरी मांगी है। अब ऑडिट विभाग यह मंथन कर रहा है कि क्या मेयर हाउस में सरकारी खर्च से ये वस्तुएं खरीदी जा सकती हैं या नहीं।

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मालूम हो कि इससे पहले मेयर राजेश कालिया कमिश्नर को पत्र लिखकर अपने लिए 90 हजार रुपये के आइफोन-10 की मांग कर चुके हैं। कालिया ऐसे मेयर हैं जो कि रैक पिकर से इस कुर्सी तक पहुंचे हैं।

फिर से व्हाइट वॉश करने को कहा

मेयर द्वारा भेजे गए नोट में सरकारी कोठी का नए सिरे से व्हाइट वाश, डिस्टेंपर, पेंट और फर्नीचर की पालिश करने के लिए भी कहा गया है। पिछले साल जब मोदगिल मेयर बने थे, उस समय भी नगर निगम ने मेयर हाउस पर 20 लाख रुपये का खर्च कर रेनोवेशन किया था।

ये हैं मेयर की मांगें

  • माइक्रोवेव
  • एक डबल बेड विद बाक्स
  • इनवर्टर
  • एक ग्लास टेबल
  • लॉन के लिए झूला
  • किचन के लिए क्राकरी सेट

कालिया ने तो सरकारी कार के प्रयोग न करने की बात कही थी : बबला

कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला का कहना है कि भाजपा की करनी और कथनी में फर्क है। यह कालिया के मेयर बनने से फिर साबित हो गया है। कालिया को जब से मेयर का उम्मीदवार बनाया गया, तब से कोई न कोई विवाद सामने आ रहा है। बबला का कहना है कि कालिया ने तो यह भी कहा था कि वह मेयर बने तो सरकारी कार का भी प्रयोग नहीं करेंगे।


अगर मेरे अधिकार में होगा तो मुझे यह सामान मिल जाएगा। कांग्रेस पार्टी के कार्यकाल में उनके मेयरों ने सरकारी फंड का काफी मिसयूज किया है। उस समय उनके पार्षद और नेता क्यों चुप रहे। मैं एससी समाज से आता हूं, इसलिए बेवजह विवाद खड़ा करके मेरा विरोध किया जा रहा है।
- राजेश कालिया, मेयर 

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23 साल में सिर्फ तीन मेयर रहे सरकारी कोठी में

नगर निगम के 23 साल के इतिहास में अब तक सिर्फ तीन मेयर ही सेक्टर-24 स्थित सरकारी कोठी में रहे हैं। इनमें पूर्व मेयर कमलेश, पूनम शर्मा, देवेश मोदगिल का नाम शामिल हैं जबकि अब राजेश कालिया चौथे मेयर हैं जो सरकारी कोठी में एक साल के लिए शिफ्ट हुए हैं। कालिया का घर डड्डूमाजरा में है। घर छोटा होने और मिलने वाले लोगों की संख्या ज्यादा आने के कारण वह यहां शिफ्ट हुए हैं।
 

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