सरबजीत कौर बनी चंडीगढ़ की मेयर, अब सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए होगा मतदान
Chandigarh Mayor Election चंडीगढ़ में नए मेयर के तौर पर भाजपा उम्मीदवार सरबजीत कौर को चुना गया है। सरबजीत कौर ने आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार अंजू कत्याल को एक वोट से हराया है। इस बाद मेयर पद का चुनाव काफी दिलचस्प था।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ में नए मेयर के तौर पर भाजपा उम्मीदवार सरबजीत कौर को चुना गया है। सरबजीत कौर ने आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार अंजू कत्याल को एक वोट से हराया है। इस बाद मेयर पद का चुनाव काफी दिलचस्प था। क्योंकि दोनों दलों के पास 14-14 वोट थे। हालांकि आप का एक वोट इनवेलिड होने के कारण अंजू कत्याल को 13 ही वोट मिले और भाजपा उम्मीदवार सरबजीत कौर को 14 वोट मिले हैं। भाजपा के पास सासंद किरण खेर का वोट भी था और 13 पार्षद थे।
मेयर चुनाव के बाद अब सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए मतदान शुरू हो गया है। अब इन दोनों पदों के लिए मतदान नई मेयर सरबजीत कौर के देखरेख में होगा। सीनियर डिप्टी मेयर पद के लिए दलीप शर्मा और प्रेम लता के बीच मुकाबला है। डिप्टी मेयर पद के लिए अनूप गुप्ता और रामचंद्र यादव के बीच मुकाबला है। मुख्य तौर पर लड़ाई मेयर पद के लिए है।
मतदान के दौरान पार्षदों को मोबाइल पर फोटो खिंचने को कहा
ऐसा पहली बार हुआ है कि कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार खड़े नहीं किए हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्षद चुनाव में मतदान भी नहीं करेंगे। आम आदमी पार्टी के पार्षद कसौली और भाजपा के पार्षद शिमला से लौटकर शहर पहुंच गए हैं। मेयर चुनाव के लिए घमासान मचा हुआ है। हर दल अपने अपने पार्षदों को दूसरे दलों से बचाने के लिए शहर से बाहर ले गए थे। क्रास वोटिंग रोकने के लिए आप और भाजपा के पार्षदों को मतदान करने के बाद फोटो खींचकर तस्वीर दिखाने के लिए कहा गया है। जबकि यह स्पष्ट है कि कोई भी पार्षद मतदान के दौरान तस्वीर नहीं खींच सकता। बावजूद हर बार पार्षद तस्वीर खींचते हैं। इस समय आप और भाजपा के पास बराबर वोट हैं।
पंजाब चुनाव पर भी पड़ेगा असर
देवेंद्र सिंह बबला अपनी पत्नी हरप्रीत कौर बबला कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। भाजपा का प्रयास है कि आम आदमी पार्टी या कांग्रेस से कोई न कोई और पार्षद भाजपा में शामिल हो जाए। चंडीगढ़ मेयर चुनाव के परिणाम का असर पंजाब विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा। ऐसा पहली बार हुआ है जब मेयर चुनाव से पहले मनोनीत पार्षद नियुक्त नहीं हुए हैं। प्रशासन की ओर से 9 मनोनीत पार्षद नियुक्त किए जाने हैं। अब मेयर चुनाव के बाद मनोनीत पार्षद नियुक्त किए जाएंगे।