चंडीगढ़ कोठी प्रकरणः पुलिस जांच पर एडवोकेट नरवाणा ने उठाए सवाल, कहा- चालान से दस्तावेज गायब
सेक्टर-37 कोठी कब्जाने के मामले में पुलिस रही इन्वेस्टिगेशन पर मामले में आरोपित डीएसपी के भाई सतपाल डागर के वकील विशाल गर्ग नरवाणा ने सवाल खड़े किए हैं। नरवाणा ने जिला अदालत में एप्लीकेशन फाइल कर पुलिस पर चालान से डॉक्यूमेंट गायब करने का आरोप लगाया है।
चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। सेक्टर-37 कोठी कब्जाने के मामले में पुलिस रही इन्वेस्टिगेशन पर मामले में आरोपित डीएसपी के भाई सतपाल डागर के वकील विशाल गर्ग नरवाणा ने सवाल खड़े किए हैं। एडवोकेट नरवाणा ने इस संबंध में सोमवार को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक एप्लीकेशन फाइल की और चालान में मिसिंग डॉक्यूमेंट्स को दिए जाने की मांग की है। एप्लीकेशन पर अदालत ने पुलिस को जवाब देने के लिए नोटिस जारी कर दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 मई को होगी।
नरवाणा ने पहले भी कोर्ट में पुलिस इन्वेस्टिगेशन पर सवाल खड़े किए थे। एडवोकेट नरवाणा ने बताया कि कोठी प्रकरण में पुलिस ने सही ढंग से जांच नहीं की है। पुलिस ने जो चालान कोर्ट में जमा करवाया है बेशक वो 18 हजार से ज्यादा पन्नों का हो लेकिन उसमें से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब हैं, जिससे पुलिस की इन्वेस्टिगेशन सवालों के घेरे में है।
कई महत्वपूर्ण दस्तावेज चालान से गायब
पुलिस ने जो चार्जशीट फाइल की है वह भी गैरकानूनी है। क्योंकि इसमें कई ऐसे दस्तावेज हैं जो बचाव पक्ष को दिए जाने चाहिए थे। लेकिन पुलिस ने जानबूझकर उन डॉक्यूमेंट्स को चार्जशीट में शामिल नहीं किया। हालांकि कई ऐसे डॉक्यूमेंट्स भी हैं जो चार्जशीट से मिसिंग हैं। एडवोकेट नरवाणा ने कहा कि प्रॉपर्टी के एग्रीमेंट के वक्त केस के एक गवाह अनुपम छेत्री ने एस्टेट ऑफिस की एक वीडियो बनाई थी। वह वीडियो इस केस में काफी अहम सुबूत है। उस वीडियो में सतपाल डागर नहीं हैं। लेकिन इस वीडियो क्लिप की सीडी पुलिस ने उन्हें चार्जशीट में नहीं दी है। इसलिए उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि वह सीडी उन्हें उपलब्ध करवाई जाए। उसके अलावा केस से जुड़े जिन लाेगों के पुलिस ने 164 के बयान दर्ज करवाएं थे वो भी चालान से गायब हैं। एडवोकेट नरवाणा ने कहा कि हमने एप्लीकेशन लगाकर चालान से गायब सभी दस्तावेतों को उन्हें साैंपने की मांग की है।
सतपाल डागर को बताया बेगुनाह, केस में नहीं कोई रोल
एडवोकेट नरवाणा ने कहा कि मामले में सतपाल डागर का कोई भूमिका नहीं है। पुलिस ने जबरदस्ती उसका नाम भी इस केस में जोड़ दिया और उसे गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही डागर की जमानत याचिका कोर्ट में दायर करेंगे। इसके अलावा उन्होंने मांग की है कि इस केस का ट्रायल जल्द से जल्द शुरू होना चाहिए ताकि असलियत जनता के सामने आ सके।
ये है मामला
2 मार्च 2021 को पुलिस ने सेक्टर-37 की कोठी के इकलौते वारिस राहुल मेहता को किडनैप करने, उसे यात्नाएं देकर उसकी प्रॉपर्टी को धोखे से कब्जाने के मामले में केस दर्ज किया था। इस केस में पुलिस ने संजीव महाजन, डीएसपी रामगोपाल के भाई सतपाल डागर, प्रॉपर्टी खरीदने वाले मनीष गुप्ता और सेक्टर-39 थाने के पूर्व एसएचओ राजदीप सिंह को गिरफ्तार किया। इस केस में शराब कारोबारी अरविंद सिंगला, खलिंदर सिंह कादियान, दलजीत सिंह उर्फ रुबल, अशोक अरोड़ा उर्फ मनु, शेखर, सौरभ गुप्ता भी आरोपित हैं जाकि फरार हैं। एक आरोपित सुरजीत बाउंसर की मौत हो चुकी है। इन सभी के खिलाफ पुलिस ने आइपीसी की धारा 166, 201, 218, 328, 331, 344, 365, 386, 419, 420, 452, 465, 467, 468, 471, 473, 474, 477, 120बी और प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(1)(2)के तहत चार्जशीट फाइल की है।