भारी पड़ा विरोध, दो दिन से हड़ताल पर गए 178 एनएचएम कर्मियों को चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने नौकरी से निकाला
मांगों को लेकर दो दिन से हड़ताल पर गए 178 नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) कर्मचारियों विरोध करना भारी पड़ गया। हेल्थ डिपार्टमेंट ने सभी को नाैकरी से निकाल दिया है। विभाग ने सभी 178 कर्मचारियाें का टर्मिनेशन लेटर जारी कर दिए हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। मांगों को लेकर दो दिन से हड़ताल पर गए 178 नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) कर्मचारियों विरोध करना भारी पड़ गया। नेशनल हेल्थ मिशन के जो कर्मचारी दो दिनों से हड़ताल पर चल रहे थे शनिवार सुबह उन्हें अस्पतालों में दाखिल नहीं होने दिया गया। इन सभी कर्मचारियों को हेल्थ डिपार्टमेंट बर्खास्त कर दिया है। ऐसे करीब 178 एनएचएम कर्मी को नौकरी से निकाला गया है। यह सभी कर्मचारी कांट्रेक्टचुअल हैं। साथ ही पुलिस को भी इस बारे में सूचना देकर इनकी अस्पतालों में एंट्री बैन कर दी है।
हेल्थ सेक्रेटरी यशपाल गर्ग के आदेश पर डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज डा. सुमन सिंह ने यह आदेश जारी किए हैं। उन्होंने इन सभी कर्मचारियों को अब नौकरी पर नहीं रखा जाएगा। हालांकि एनएचएम कर्मी अब भी आंदोलन कर रहे हैं। वह डिपार्टमेंट के इस फैसले को दमनकारी बता रहे हैं। उनका कहना है कि उनके शांतिप्रिय प्रदर्शन को डिपार्टमेंट ने दबाने के लिए यह कदम उठाया है। वह अब भी अपना संघर्ष जारी रखेंगे और अधिकारियों के इस तानाशाही रवैये के आगे नहीं झुकेंगे।
बता दें कि हेल्थ सेक्रेटरी ने स्पष्ट कर दिया था कि इन दिनों डेंगू बड़ी तेजी से फैल रहा है। अस्पतालों में मरीजों की भीड़ है इस समय हड़ताल को उन्होंने गलत करार दिया था। साथ ही कर्मचारियों को हड़ताल वापस लेने के लिए कहा था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी डीसी रेट की मांग को हेल्थ डिपार्टमेंट ने मान लिया था। अब उन्हें डीसी रेट के हिसाब से ही सेलरी मिल रही थी। बावजूद इसके लिए कर्मचारी कई दूसरी मांग को पूरा कराने के लिए हड़ताल पर चले गए। वह काम के आठ घंटे निश्चित करने के साथ कई अन्य मांग कर रहे थे। अब इन कर्मचारियों की जगह वैकल्पिक व्यवस्था हेल्थ डिपार्टमेंट कर रहा है। पहले निकाले गए कर्मचारियों को नौकरी पर बुलाया जा रहा है।
एनएचएम में कुल 450 कर्मचारी हैं, जाे जीएमएसएच-16, सिविल अस्पताल सेक्टर-22, 45, और सिविल हॉस्पिटल मनीमाजरा के अलावा और शहर की 29 डिस्पेंसरी में कार्यरत हैं।