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Bank Employee Strike: 15 दिसंबर तक निपटा लें काम, 16 और 17 दिसंबर को बंद रहेंगे देश भर के सरकारी बैंक

16 से 17 दिसंबर को बैंक ला अमेंडमेंट बिल 2021 के विरोध के कारण देश भर के बैंक बंद रहेंगे। 18 दिसंबर को शनिवार को बैंक आधा दिन खुलेंगे और 19 दिसंबर को रविवार को छुट्टी रहेगी। इस तरह 4 दिन तक कामकाज प्रभावित रहेगा।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 04:36 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 04:36 PM (IST)
Bank Employee Strike: 15 दिसंबर तक निपटा लें काम, 16 और 17 दिसंबर को बंद रहेंगे देश भर के सरकारी बैंक
चंडीगढ़ सेक्टर-17 स्थित बैंक स्क्वेयर में धरना प्रदर्शन करते हुए बैंक कर्मचारी। जागरण

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। बैंक में यदि कोई जरूरी काम है तो उसे 15 दिसंबर से पहले निपटा लें। 16 से 17 दिसंबर को बैंक ला अमेंडमेंट बिल, 2021 के विरोध के कारण देश भर के बैंक बंद रहेंगे। 18 दिसंबर को शनिवार को बैंक आधा दिन खुलेंगे और 19 दिसंबर को रविवार को छुट्टी रहेगी। बैंक बिल 2021 के विरोध में शनिवार को यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन ने सेक्टर-17 स्थित बैंक स्क्वेयर में धरना प्रदर्शन किया। यूनियन के कन्वीनर संजीव ने बताया कि सरकार बड़ी तेजी से विधेयकों को संसद में लाती है और उन्हें बिना किसी चर्चा के पारित कर दिया जाता है। इसका खामियाजा आम जनता को चुकाना पड़ता है। इस बार जो विधेयक संसद में पेश होने जा रहा है, उसमें क्या किया गया है और उससे क्या फायदा या नुक्सान होगा इसके बारे में कोई नहीं जानता। यदि विधेयक को बिना चर्चा के पारित किया जाता है तो वह आम जनता को नुकसान दे सकता है।

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70 फीसद लोगों को होगा नुकसान 

यूनियन से दीपक शर्मा ने कहा कि यदि सरकारी बैंक का प्राइवेटाइजेशन होता है तो सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता को होगा। प्राइवेट बैंक हमेशा लोन पर ज्यादा ब्याज लगाते हैं। इसके अलावा यदि बैंक में कोई राशि जमा है तो उस पर ब्याज नाम मात्र का होता है। इससे आम लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान है। दीपक ने कहा कि आज के समय में देश भर में स्टेट बैंक आफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच हर शहर, कस्बे में है। इससे आम लोगों को फायदा मिलता है क्योंकि उन्हें बैंक के किसी भी काम को करवाने के लिए दूर नहीं जाना पड़ता।

रोजगार पर पड़ेगा फर्क

यूनियन से सुशील गौतम ने कहा कि यदि सरकारी बैंक का निजीकरण होता है तो रोजगार पर भी फर्क पड़ेगा। प्राइवेट बैंक मैन पावर के बजाए डिजिटल को प्रमोट करते हैं। इसमें भले ही समय बचता है लेकिन कई बार लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। लोगों को बैंक के कर्ज या फिर अन्य चीजों की जानकारी नहीं होती जिसके चलते वह बैंक का सही तरीके से लाभ नहीं उठा पाते हैं।


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