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नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती के उपलक्ष्य में चंडीगढ़ गौरीशंकर सेवादल ने बांटे फूलों के पौधे

चंडीगढ़ गौरीशंकर सेवादल ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती के उपलक्ष्य में लोगों को मुफ्त में पौधे बांटे। यह पौधे फूलों के थे और इन्हें खासतौर पर सर्दियों के मौसम में लगाया जाता है। पौध वितरण समारोह गोशाला सेक्टर-45 में किया गया।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 01:30 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 01:30 PM (IST)
नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती के उपलक्ष्य में चंडीगढ़ गौरीशंकर सेवादल ने बांटे फूलों के पौधे
गोशाला सेक्टर-45 में लोगों को फूलों के पौधे वितरित करते संस्था के सदस्य।

चंडीगढ़, जेएनएन। गौरीशंकर सेवादल ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर फूलों के पौधे बांटा। यह पौधे खास तौर पर सर्दी के मौसम में लगाए जाते हैं। पौध वितरण समारोह गोशाला सेक्टर-45 में किया गया। इसमें सेवादल के सदस्यों ने भाग लिया और नारियल के खाली खोलो में उगाए गए पौधों को लोगों में वितरित किया। 

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इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर हिमाचल प्रदेश टूरिज्म के एडिशनल डायरेक्टर मनोज शर्मा पत्नी के साथ मौजूद रहे। मनोज शर्मा ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों की जड़ों को हिलाने के लिए न सिर्फ आजाद हिंद फौज का निर्माण किया बल्कि ऐसे कई काम करके दिखाए, जिसके बाद अंग्रेजों को वापस जाने पर भी मजबूर कर दिया।

उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को नेताजी के सिद्धांतों को मानने की जरूरत है क्योंकि समाज के विकास के लिए जज्बे और जोश की जरूरत है। एक समय ऐसा आया जब उन्हें देश छोड़कर जाना पड़ा और वह अंग्रेजों को चकमा देने के साथ-साथ अपनों से भी ओझल हो गए और अंग्रेजों की कोई भी प्लानिंग उन्हें पकड़ने की सफल नहीं हुई।

आजाद विचारों के प्रतीक को फूलों से याद करना बेहतर

गौरीशंकर सेवादल वाइस प्रेसिडेंट विनोद शर्मा ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने नारा दिया था कि तुम मुझे खून दो मैं तम्हें आजादी दूंगा, बहुत ही यथार्थ पूर्ण था। उनके विचारों की तुलना हम फूलों से कम सकते है। एक फूल सुंदर दिखने के साथ खुद की महक भी छोड़ता है ठीक वैसे ही सुभाष चंद्र बोस के विचार थे। उनके विचार उनके जाने से खत्म नहीं हुए, बल्कि आज भी उन्हें आज उसी जोश से याद किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस बार 125वीं जयंती पर पांच हजार से ज्यादा पौधे बांटने का कार्यक्रम है।


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