चंडीगढ़ GMCH-32 में डॉक्टरों की कमी, अस्पताल की डॉ. भारती को एक साल के लिए US में ट्रेनिंग की मंजूरी
चंडीगढ़ सेक्टर-32 स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की गायनोकोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. भारती गोयल को एक साल की ट्रेनिंग पर US भेजने पर सवाल उठने लगे हैं। चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने उनकी यूएस में एक साल की ट्रेनिंग के लिए छुट्टियों को मंजूरी दे दी है।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ सेक्टर-32 स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH-32) की गायनोकोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. भारती गोयल को एक साल की ट्रेनिंग पर US भेजने पर सवाल उठने लगे हैं। चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग (Chandigarh Health Department) की ओर से उनकी यूएस में एक साल की ट्रेनिंग के लिए छुट्टियों को मंजूरी दे दी गई है। सूत्रों की मानें तो विभाग के एचओडी और डायरेक्टर प्रिंसिपल की इस ट्रेनिंग के लिए छुट्टियों दिए जाने पर मंजूरी नहीं थी। इस मामले में स्वास्थ्य सचिव के हस्ताक्षेप के बाद मंजूरी मिली है। जबकि ऐसे ही एक मामले में दिल्ली गवर्नमेंट ने एक डॉक्टर की मंजूरी को रद किया था।
दिल्ली की एक डॉक्टर पीजीआइ चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) में एमडी पीडियाट्रिक की डिग्री के लिए छुट्टियां मांगी थी। दिल्ली सरकार द्वारा छुट्टियां रद करने पर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी इस मामले में सरकार का पक्ष लिया था।
डॉ. भारती गोयल गायनी विभाग में कार्यरत हैं। अस्पताल का गायनी विभाग में पहले ही स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। दूसरी तरह कोरोना महामारी के बीच इस प्रकार एक साल की ट्रेनिंग पर भेजने को लेकर बाकी डॉक्टरों में काफी रोष है। गायनी विभाग में नौ लोगों का स्टाफ 100 बेड का वार्ड संभाल रहा है। विभाग में दो पोस्ट भी लंबे अरसे से खाली पड़ी हैं। इस मामले में जीएमसीएच-32 की डायरेक्टर प्रिंसिपल डॉ. जसबिंदर कौर ने कहा कि वह अपने खर्च पर जा रही हैं। प्रशासन की ओर से उनकी छुट्टियां मंजूर कर दी है।
डॉक्टरों ने कहा लगनी चाहिए रोक
नाम ना लिखे जाने की शर्त पर विभाग के कई सीनियर डॉक्टरों ने कहा कोरोना महामारी में इस प्रकार की ट्रेनिंग काे मंजूरी देने पर रोक लगनी चाहिए। महामारी में जहां अस्पताल को सीनियर डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की जरूरत है। ऐसे में प्रशासन द्वारा एक डॉक्टर को एक साल की ट्रेनिंग पर भेजना गलत है। ट्रेनिंग के लिए महामारी के बाद भी जा सकते हैं। इस पर प्रशासन को जल्द फैसला लेने के लिए अस्पताल के डॉक्टरों ने मांग की है।