खुशखबरी... चंडीगढ़ के कर्मचारियों की बढ़ेगी सेलरी, एक साल बाद डीसी रेट होगा रिवाइज्ड
चंडीगढ़ के कर्मचारियों की सेलरी बढ़ेगी। चंडीगढ़ प्रशासन ने डीसी रेट रिवाइज्ड करने के फैसले पर लगाई रोक हटा दी है। कोरोना महामारी के चलते यूटी प्रशासन ने अप्रैल 2020 में डीसी रेट को फ्रीज कर दिया था। लेकिन अब इस रोक को हटा दिया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। यूटी प्रशासन में कार्यरत 20 हजार से अधिक कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है। कर्मचारियों की सेलरी बढ़ेगी। चंडीगढ़ प्रशासन ने डीसी रेट रिवाइज्ड करने पर लगाई गई रोक हटा दी है। अब यह पहले की तरह ही रिवाइज्ड होगा।
इससे पहले कोरोना महामारी को देखते हुए खर्च कम करने के लिए प्रशासन ने अप्रैल 2020 में डीसी रेट को फ्रीज कर दिया था। उसके बाद से यह बढ़ाया नहीं गया। इंप्लाइज लगातार डीसी रेट रिवाइज्ड करने की मांग प्रशासन से कर रहे थे। अब प्रशासन ने इस पर लगी रोक हटा ली है।
कोआर्डिनेशन कमेटी आफ गवर्नमेंट एंड एमसी इंप्लाइज एंड वर्कर्स यूटी चंडीगढ़ की कोर कमेटी की बैठक वाटर वर्कस सेक्टर-32 में प्रधान सतिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई। मीटिंग में चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा डीसी रेट बढ़ाने के फैसले का स्वागत किया।
कमेटी के प्रधान सतिंदर सिंह, महा सचिव राकेश कुमार और उप प्रधान सुरेश कुमार ने यूटी प्रशासन का आभार व्यक्त करते कहा कि यूटी के कर्मचारी कई महीनों से अपनी मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 10 दिसंबर को गवर्नर हाउस मार्च और 10 फरवरी को एक दिन की हड़ताल भी की थी, जिस से चंडीगढ़ प्रशासन ने डीसी रेट रिवाइज करने पर लगाई रोक को हटा लिया है। डीए रिलीज न होने की शर्त को भी हटा दिया है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि यूटी कर्मचारियों की मांगों पर सलाहकार मनोज परिदा से बात हुई थी उन्होंने मांगों को जल्दी हल करने के लिए मीटिंग बुलाने का भरोसा भी दिया है।
यह मांगें लंबित
ठेकेदारों की ओर से आउटसोर्स कर्मचारियों का आर्थिक शोषण करना बंद किया जाए, सभी विभागों में सैकड़ों खाली पड़ी पोस्ट भरी जाए, डेली वेज और वर्कचार्ज वर्करों को रेगुलर किया जाए, सीटीयू किलोमीटर स्कीम से बस चलाने का फैसला वापस ले। मृतक कर्मचारी के आश्रितों को नौकरी दी जाए, गावों से बदल कर कारपोरेशन में आए स्वीपर्स को बेसिक व डीए दिया जाए, रिटायर्ड कर्मियों को जल्द पेंशन का लाभ दिया जाए, मीटिंग में फैसला लिया गया कि कोऑर्डिनेशन कमेटी के साथ जुड़ी सभी यूनियन अपनी मांगों पर एक मार्च आंदोलन शुरू करेंगे।