Electronic market को लॉकडाउन में हुए घाटे से उबरने के लिए दीवाली का इतंजार
कम ग्राहकों की वजह से आने वाले कुछ महीनों तक व्यापारियों को लॉकडाउन के दौरान हुए घाटे की भरपाई होती नहीं दिख रही।
चंडीगढ़, शंकर सिंह। शहर की सबसे व्यस्त सेक्टर-18 इलेक्ट्रोनिक मार्केट, जहां इन दिनों व्यापार ज्यादा खास नहीं चल रहा। व्यापारियों ने लॉकडाउन खुलते ही कुछ राहत की सांस ली, लोग भी आए लेकिन कुछ ही दिनों में अब यहां फिर सन्नाटा पसर गया। कम ग्राहकों की वजह से आने वाले कुछ महीनों तक व्यापारियों को लॉकडाउन के दौरान हुए घाटे की भरपाई होती नहीं दिख रही। ऐसे में व्यापारियो को दीवाली का इंतजार है, जब यहां बंपर बिजनेस होता है। व्यापारियों ने लॉकडाउन खुलने के बाद की दिक्कतों को साझा किया।
सिर्फ ट्रिमर और होम एप्लांयस बिक रहे हैं
पंजाब इलेक्ट्रोनिक्स के मालिक राजविंदर सिंह ने कहा कि मार्केट में अभी केवल 10 फीसद बिजनेस ही हो रहा है। आम दिनों के मुकाबले यहां रौनक नहीं है। शुक्र है हमारी अपनी दुकान है, नहीं तो किराया देना भी मुश्किल होता। ज्यादातर लोग ट्रिमर या होम एप्लायंस ही खरीदने पहुंच रहे हैं। हालांकि इलेक्ट्रोनिक्स के कई आइटम्स होते थे, जिसे लोग खरीदना पसंद करते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद लोग बहुत कम दुकान तक आ रहे हैं।
ऑड इवन में ज्यादा लोग पहुंचे
अनिल इलेक्ट्रोनिक्स के ऋषभ अग्रवाल ने कहा कि मार्केट ऑड इवन के कॉन्सेप्ट से शुरु हुई। उस दौरान लोग भारी संख्या में पहुंचते थे, लेकिन फिजिकल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते थे। इन दिनों ऐसा थोड़ा कम है। लोगों की जो शुरुआती जरूरतें थी, उस दौरान मार्केट ने अच्छा व्यापार किया, लेकिन कुछ ही दिनों में व्यापार में सुस्ती आने लगी। सबसे बड़ी दिक्कत माल स्पलाई की आ रही है, मार्केट दिल्ली और मुंबई से सामान मंगवाती है, अभी पुराने स्टॉक से ही काम चलाना पड़ रहा है।
कूलर और सीलिंग फैन्स के ग्राहक आ रहे हैं
यूनिवर्सल इलेक्ट्रिक कंपनी के मालिक सौरव गुप्ता ने कहा कि दुकान खोलने के पहले तीन दिन ट्रिमर और मच्छरों को मारने वाले रैकेट ज्यादा बिके। इसके बाद इसमें कमी आई। दरअसल, इस समय लेबर क्लास और स्टूडेंट्स ज्यादातर खरीददारी करते थे, उनके जाने से काफी प्रभाव पड़ा। अभी लोग डेजर्ट कूलर और सीलिंग फैन्स लेने आ रहे हैं। ऐसे में व्यापार केवल 10-20 फीसद तक ही हो रहा है। हमारा सीजन टाइम दीवाली होता है, जिसमें उम्मीद है कि इस घाटे से हम उबर पाएं।
दिल्ली से इलेक्ट्रोनिक और मुंबई के प्लास्टिक मैटीरियल नहीं पहुंच पा रहे
सौरव ने कहा कि अभी मार्कट में स्पलाई भी कम है। दिल्ली से ज्यादातर इलेक्ट्रोनिक से जुड़ा सामान मंगवाया जाता है, वहां मैन्यूफेक्चरिंग ज्यादा नहीं हो रही, ऐसे में बहुत कम माल पहुंच रहा है। अगर हम दिन के 50 पंखे ऑर्डर करते हैं, तो केव 20-25 पंखें ही आ पा रहे हैं। ऐसे ही मुंबई से प्लास्टिक से जुड़े मैटीरियल नहीं पहुंच पा रहे।
चाइनीज माल के आने में संशय
ऋषभ ने बताया कि शहर में चाइनीज प्रोडक्ट की बड़ी मार्केट थी। लेकिन अब वहां से स्टॉक आने में दिक्कत होगी। अभी तो पुराने स्टॉक से ही काम चलाया जा रहा है, लेकिन इस वर्ष वहां से कुछ स्टॉक आएगा, इस पर भी सवाल है।
इलेक्ट्रोनिक्स प्रोडक्ट्स के दामों में 10-15 फीसद हुई बढ़ोतरी
इलेक्ट्रोनिक्स मार्केट में आई मंदी और स्टॉक के कम होने की वजह से दामों में भी 10-15 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।