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शहर के चार ड्राइंग शिक्षकों की मेहनत रंग लाई, चंडीगढ़ शिक्षा विभाग की झांकी को मिला दूसरा स्थान

चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के शिक्षकों की मेहतन रंग लाई है। शहर के सरकारी स्कूलों के चार ड्राइंग टीचरों ने मिलकर झांकी तैयार की थी। महज पांच दिन में तैयार की गई इस झांकी को गणतंत्र दिवस समारोह में दूसरा स्थान मिला है।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 03:45 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 03:45 PM (IST)
शहर के चार ड्राइंग शिक्षकों की मेहनत रंग लाई, चंडीगढ़ शिक्षा विभाग की झांकी को मिला दूसरा स्थान
दूसरा स्थान पाने वाली चंडीगढ़ शिक्षा विभाग की झांकी के साथ उसे तैयार करने वाले शिक्षक।

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। राज्यस्तरीय गणतंत्र दिवस (Republic Day) समारोह में चंडीगढ़ शिक्षा विभाग (Chandigarh Education Department) की झांकी (Tableau) को दूसरा स्थान मिला है। गणतंत्र दिवस परेड कार्यक्रम में विभिन्न विभागों की झांकियां पेश की गई थीं, जिसमें पहला स्थान चंडीगढ़ पुलिस और दूसरा शिक्षा विभाग की झांकी को मिला है।

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खास बात यह है कि इस झांकी को शहर के सरकारी स्कूलों के चार ड्राइंग टीचर्स ने पांच दिनों में तैयार किया था। झांकी बनाने की टीम का नेतृत्व गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल सेक्टर-41 के टीचर विनोद अरोड़ा ने किया। जिनका सहयोग गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-32 के गुरजीत शाह, गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-25 के राकेश सहोता और गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल सेक्टर-41 के टीचर देव आनंद ने ने दिया। 

जानकारी देते हुए विनोद अरोड़ा ने बताया कि हमें कोरोना महामारी के दौरान शिक्षा विभाग पर झांकी तैयार करनी थी। इसमें सबसे पहले तो हमने स्कूलों की स्थिति को पेश किया कि किस प्रकार से फिजिकल क्लासें बंद होकर ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हुई। उसके साथ ही हमने झांकी में डॉक्टर, पुलिस और सफाई कर्मचारियों की स्थिति को भी पेश करना था, जिसके लिए हमने अलग-अलग पपेट तैयार किए और उन्हें झांकी में डिस्प्ले किया। झांकी में कोविड-19 के दौरान शिक्षा विभाग की स्थिति का व्याख्यान करने का प्रयास किया गया है।

बच्चों के बिना सूनी लगी झांकीः डीईओ

जिला शिक्षा अधिकारी नीना कालिया ने बताया कि टीचर्स ने बखूबी शिक्षा विभाग की स्थिति को पेश किया। पांच दिनों के भीतर पूरी झांकी तैयार हुई, जिसमें पूरे कोरोना काल को डिस्प्ले किया गया, लेकिन इस बार एक दुख रहा कि इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में स्कूल के बच्चे शामिल नहीं हो सके। कोरोना बचाव के लिए बच्चों को कार्यक्रम में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन हमारा परिवार बच्चे हैं यदि वह न हो तो सब सूना लगता है।


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