खेल के क्षेत्र में डीएवी चंडीगढ़ का बड़ा नाम, देश को दिए कपिल देव, युवराज सिंह और नीरज चोपड़ा जैसे सितारे
वर्ष 1983 के क्रिकेट वर्ल्ड कप से लेकर 2021 तक खेलों में इतिहास रचने वाले कई खिलाड़ी डीएवी कालेज की ही देन हैं। आज जितने खिलाड़ी डीएवी कालेज देश को दे चुका है उतने शायद ही किसी और कालेज ने दिए होंगे।
वैभव शर्मा, चंडीगढ़। डीएवी कालेज सेक्टर-10 का नाम ऐसे ही इतिहास के पन्नों में दर्ज नहीं है। इस कालेज ने न केवल देश को वीर जवान दिए हैं बल्कि खेल के क्षेत्र में भी चैंपियन पैदा किए हैं। वर्ष 1983 से लेकर 2021 तक खेलों में इतिहास रचने वाले कई खिलाड़ी डीएवी कालेज की ही देन हैं। आज जितने खिलाड़ी डीएवी कालेज देश को दे चुका है, उतने शायद ही किसी और कालेज ने दिए होंगे। क्रिकेट वर्ल्ड कप 1983 से लेकर 2021 में ओलिंपिक में एथलेटिक्स में पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले खिलाड़ी डीएवी कालेज से ही पढ़कर खेल के क्षेत्र में चमके हैं। कपिल देव, नीरज चोपड़ा, युवराज सिंह, चेतन शर्मा, यशपाल शर्मा जैसे कई दिग्गजों के नाम इस लिस्ट में हैं।
क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने वाले कपिल देव डीएवी के ही स्टूडेंट
साल 1983 में क्रिकेट में कैरिबियाई खिलाड़ियों का दबदबा माना जाता था। तब एक 23 साल के लड़के ने अपनी टीम को वर्ल्ड कप जिताकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवाया। यह खिलाड़ी कोई ओर नहीं बल्कि कपिल देव हैं। उन्होंने क्रिकेट के महाकुंभ में ऐसा जलवा बिखेरा कि क्रिकेट जगत में आज भी उनके कीर्तिमानों का बखान होता है। कपिल देव डीएवी कालेज के ही स्टूडेंट थे, जो पहली बार इस विश्व कप में कप्तान के रूप में क्रिकेट के मैदान पर उतरे थे।
नीरज से जैविलियन थ्रो में जीता है गोल्ड
हाल ही में संपन्न हुए ओलिंपिक में नीरज चोपड़ा ने भी जेविलियन थ्रो में गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रचा था। यह खिलाड़ी भी डीएवी कॉलेज की ही देन है, जहां पर प्रेक्टिस कर नीरज ने देश को एकल इवेंट में दूसरा और एथलेटिक्स में पहला गोल्ड दिलवाया। डीएवी कालेज में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर इतना मजबूत है कि अंजुम मोदगिल, अर्जुन बबूता जैसे करीब एक दर्जन इंटरनेशनल शूटर यहां से निकले हैं।
युवराज का भी डीएवी से नाता
साल 2007 में पहले टी-20 क्रिकेट विश्व कप में छह छक्के लगाने वाले युवराज सिंह ने भी अपनी पढ़ाई डीएवी कालेज से ही पूरी है। युवी ने कालेज से कामर्स में ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी है। यहीं से उन्होंने क्रिकेट में आगे कदम बढ़ाना शुरू किया था। सेक्टर-16 क्रिकेट स्टेडियम और डीएवी के ग्राउंड पर 7-7 घंटे मेहनत करके युवी क्रिकेट के आसमान का चमकता सितारा बने।