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दिल्ली डेवलपमेंट अथारिटी के अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

चंडीगढ़ उपभोक्ता आयोग ने एक मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली डेवलेपमेंट अथारिटी के निदेशक हरिश कुमार व उप निदेशक ब्रज मोहन गुप्ता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। आयोग ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भी आदेश की प्रति भेज दी है। आयोग ने यह फैसला सेक्टर-35 निवासी भूपिंद्र नागपाल की शिकायत पर सुनाया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 07:04 AM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 07:04 AM (IST)
दिल्ली डेवलपमेंट अथारिटी के अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
दिल्ली डेवलपमेंट अथारिटी के अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

-चंडीगढ़ के सेक्टर-35 निवासी भूपिंद्र नागपाल की शिकायत पर चंडीगढ़ उपभोक्ता आयोग ने सुनाया फैसला

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वैभव शर्मा, चंडीगढ़

चंडीगढ़ उपभोक्ता आयोग ने एक मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली डेवलेपमेंट अथारिटी के निदेशक हरिश कुमार व उप निदेशक ब्रज मोहन गुप्ता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। आयोग ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भी आदेश की प्रति भेज दी है। आयोग ने यह फैसला सेक्टर-35 निवासी भूपिंद्र नागपाल की शिकायत पर सुनाया है।

भूपिद्र ने शिकायत में बताया था कि उन्होंने डीडीए हाउसिग स्कीम 2014 के तहत एक फ्लैट के आवंटन के लिए आवेदन किया था। इस पर नरेला में एक एमआइजी फ्लैट आवंटित किया गया। इसके लिए एक जुलाई 2015 को 59 लाख 94 हजार 941 रुपये डीडीए को जमा किए, लेकिन फ्लैट मिलने के बाद देखा गया कि फ्लैट रहने योग्य स्थिति में नहीं है। उन्होंने इस बाबत कई बार डीडीए को लिखा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर उसने आयोग में शिकायत की। 20 मई 2021 को चंडीगढ़ उपभोक्ता आयोग ने सुनवाई करते हुए दिल्ली डेवलपमेंट अथारिटी (डीडीए) को डेढ़ लाख रुपये हर्जाना व 12 फीसद प्रति वर्ष ब्याज के साथ 60 लाख 94 हजार 941 रुपये दो महीनों में उपभोक्ता को वापस देने का आदेश जारी किया था। यह आदेश कमीशन ने डीडीए के निदेशक हरिश कुमार व उप निदेशक ब्रज मोहन गुप्ता को जारी किया था। लेकिन इस आदेश के बाद अभी तक डीडीए के अधिकारियों ने राशि नहीं लौटाई। आयोग ने वारंट जारी करते हुए कहा कि डीडीए की ओर से ऐसा बर्ताव बर्दास्त करने योग्य नहीं है। आदेश जारी होने के बाद भी शिकायतकर्ता को राशि न देना उपभोक्ता कानून के खिलाफ है। इस आदेश में कमीशन ने दिल्ली कमिश्नर को दोनों आरोपितों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर 2021 को होगी।

आरोपितों का सामान होगा नीलाम

कमीशन ने डीडीए के निदेशक और उप निदेशक की आधिकारिक कारों और उनके कार्यालयों में पड़े सभी फर्नीचर और वस्तुओं को संलग्न करने के लिए नई दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट को भी निर्देश जारी कर दिए है। आयोग ने 20 मई को डीडीए की ओर से पेश हुए एडवोकेट को एक सप्ताह के भीतर बैंक विवरण की आपूर्ति करने का आदेश दिया ताकि भूमि राजस्व के बकाया के रूप में एक करोड़ आठ लाख 47 हजार 305 रुपये की डिक्री राशि की वसूली के लिए इसे नीलामी के लिए भी संलग्न किया जा सके।


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