चंडीगढ़ कांग्रेस प्रवक्ता सतीश कैंथ ने सलाहकार व मेयर को लिखा पत्र, कहा- प्रापर्टी टैक्स पूरी तरह माफ हो
चंडीगढ़ में कांग्रेस प्रवक्ता सतीश ने सलाहकार मनोज परिदा व मेयर रविकांत शर्मा को पत्र लिखा है। जिसमें कहा है कि लॉकडाउन से व्यापारी वर्ग पहले से काफी परेशान है। ऐसे में प्रापर्टी टैक्स पूरी तरह से छोड़ देना चाहिए।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स और हाउस टैक्स जमा करवाने की सेल्फ असेसमेंट स्कीम को एक माह आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। जबकि कांग्रेस ने व्यापारियों के पक्ष में यह मांग की है कि प्रापर्टी टैक्स पूरी तरह से माफ कर देना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता एवं पार्षद सतीश कैंथ ने इस संबंध में सलाहकार मनोज परिदा के अलावा मेयर रविकांत शर्मा को पत्र लिखा है। जिसमें कहा है कि व्यापारी वर्ग पहले से काफी परेशान है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से लाकडाउन के कारण अधिकतर दिन बाजार बंद रहे और इस समय भी गैर जरूरी वस्तुओं की दुकानें बंद है। ऐसे में प्रापर्टी टैक्स पूरी तरह से छोड़ देना चाहिए। उनका कहना है कि इस माह होने वाली सदन की बैठक में वह टैक्स पूरी तरह से छोड़ देने का प्रस्ताव भी लेकर आएंग। मालूम हो कि शहर के व्यापारी संगठन भी यह मांग कर रहे हैं। मालूम हो कि कांग्रेस प्रापर्टी टैक्स पूरी तरह से माफ करने का प्रस्ताव लाकर व्यापारियों को खुश करना चाहती है वही कांग्रेस की इस मांग से भाजपा भी मुश्किल में आ गई है क्योंकि अगर वह यह प्रस्ताव पास नहीं करते तो व्यापारी नाराज हो जाएंगे और अगर पास करते हैं तो यह कांग्रेस की मांग मानी जाएगी और कांग्रेस इसका क्रेडिट लेकर व्यापारियों के वोट बैंक पर सेंध मारने का प्रयास करेगा।
मालूम हो कि अभी इस स्कीम के तहत 31 मई तक टैक्स जमा करवाने की तारीख तय की गई थी। लेकिन ई संपर्क सेंटर बंद होने के कारण लोग इस की तारीख आगे बढ़ाने की मांग कर रहे थे। सेल्फ असेसमेंट स्कीम के तहत प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाने वालों को 10 फीसद और हाउस टैक्स जमा करवाने वालों को 20 फीसद की छूट मिलती है। हर साल 1 अप्रैल को ही दो माह के लिए सेल्फ असेसमेंट की शुरू की जाती है। शहर में एक लाख से ज्यादा कमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी है जोकि टैक्स के अंतर्गत आती है। इस समय प्रशासन ने कोरोना के मामले बढ़ने के कारण ई संपर्क सेंटर बंद कर दिए गए हैं। जबकि हाउस और प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाने के लिए शहरवासियों के पास ऑनलाइन सुविधा भी है। सेल्फ असेसमेंट स्कीम खत्म होने के बाद शहर वासियों को 25 फीसद ब्याज और 12 फीसद जुर्माने के साथ टैक्स का भुगतान करना होगा।वहीं नगर निगम ने बिजली और पानी के बिल का भुगतान करने के लिए 31 मई तक समय दे दिया है।
26 हजार है कामर्शियल इमारतें
शहर में 55 गज से ऊपर के मकान में रहने वालों को हर साल हाउस टैक्स का भुगतान करना होता है। शहर में 26 हजार व्यावसायिक और 70 हजार आवासीय इमारतें हैं, जो टैक्स के अंतर्गत आती हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान बाजार बंद रहे हैं। व्यापारी अपनी दुकानें नहीं खोल पाए हैं ऐसे में नगर निगम को प्राप्ति टैक्स पूरी तरह से छोड़ देना चाहिए उनका कहना है कि वह इसकी मांग आने वाले सदन की बैठक में भी करेंगे।
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