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गपशप... चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष आमने-सामने, फोटो विवाद से भाजपा की हुई किरकरी

चंडीगढ़ की राजनीति में इस दिनों खूब हलचल मची हुई है। जहां एक ओर कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष के बीच आपस में ठन चुकी है वहीं भाजपा की भगवान श्रीराम और हनुमान की तस्वीर में नेताओं की तस्वीर मामले से खूब किरकरी हो रही है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 09:02 AM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 09:02 AM (IST)
गपशप... चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष आमने-सामने, फोटो विवाद से भाजपा की हुई किरकरी
चंडीगढ़ की राजनीति में इस दिनों खूब हलचल मची हुई है।

चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ कांग्रेस में इस समय पूर्व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा और वर्तमान अध्यक्ष सुभाष चावला में बवाल मचा हुआ है। प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में न बुलाए जाने पर छाबड़ा नाराज हैं। ऐसे में अब छाबड़ा खुलकर आरोप भी लगा रहे हैं। हाल ही में जब दोनों नेताओं की लड़ाई में प्रवक्ता हरमेल केसरी बीच में आए तो छाबड़ा ने उन्हें भी धमकी दे दी। कार्यकारिणी की बैठक में छाबड़ा को क्यों नहीं बुलाया जा रहा इसका कार्यकर्ताओं और अन्य सीनियर नेताओं को भी नहीं पता है।

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गुटबाजी का आने वाले नगर निगम चुनाव में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। लेकिन पार्टी का कोई नेता इस विवाद को खत्म करने का भी प्रयास नहीं कर रहा है। छाबड़ा अब शायरी अंदाज में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं। पूर्व पीएम राजीव गांधी के पुण्यतिथि के मौके पर भी छाबड़ा ने शायर बनते हुए कार्यकर्ताओं को मैसेज किया। गपशप करते हुए अब चंद नेता कह रहे हैं कि अब यह देखना है कि अगली कार्यकारिणी की बैठक में छाबड़ा को बुलाया जाता है या नहीं। कई नेता तो यह भी कह रहे हैं कि अगर पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल छाबड़ा को फोन कर दें तो विवाद खत्म हो जाए।

खूब हुई किरकरी, नेता मौन

इस समय श्रीराम- हनुमान की फोटो पर भाजपा नेताओं के चेहरे लगाने के मामले पर विवाद छिड़ा हुआ है। पिछले सप्ताह भाजपा के ही एक नेता स्वराज उपाध्याय ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक तस्वीर शेयर कर दी। जिनमें राम के चेहरे पर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन और हनुमान के चेहरे पर अपनी फोटो लगा दी। ऐसा करके स्वराज उपाध्याय ने संजय टंडन के प्रति अपनी ईमानदारी दिखाते हुए उन्हें खुश करने का भी प्रयास किया। लेकिन सोशल मीडिया पर तो स्वराज उपाध्याय की खूब किरकिरी हुई। टंडन भी स्वराज से नाराज हुए। भाजपा के अन्य नेता भी इस मामले से नाराज हुए लेकिन संजय टंडन का नाम भी इस मामले में आने पर उन्होंने चुप्पी साधी रखी लेकिन अगर अगर कोई और नेता होता तो भाजपा के नेता खूब भड़कते। जबकि मामला विरोधियों ने पार्टी हाईकमान तक पहुंचा दिया। मामला ज्यादा गरमाने पर स्वराज उपाध्याय ने सोशल मीडिया से फोटो हटाते हुए माफी भी मांगी है। गपशप करते हुए कई नेता बोल रहे हैं कि भाजपा तो इस मामले में चुप रही लेकिन कांग्रेस के नेता भी टंडन का नाम आने के बाद चुप रहे। अगर कोई और नेता होता तो कांग्रेस भी खुलकर बयानबाजी करती। 

पहले खुद छोड़ो, फिर करो अपील

कोरोना को रोकने के लिए शहर में लगाई गई पाबंदियों के कारण प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने कोविड वार रूम की बैठक के बाद शहर के मकान मालिकों को अपने किरायेदारों का किराया छोड़ने की अपील की, क्योंकि प्रशासक को भी पता है कि एक माह से गैर जरूरी वस्तुओं की दुकानें बंद हैं। शहर में कई दुकानें ऐसी हैं जो हर माह लाखों रुपये का भुगतान किराये के तौर पर करते हैं। लेकिन व्यापारी लंबे समय से प्रापर्टी टैक्स, पानी और बिजली के बिल छोड़ने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में व्यापारी नेता गपशप करते हुए कह रहे हैं कि इस अपील का क्या फायदा। अच्छा होता कि पहले प्रशासक साहब खुद व्यापारियों को राहत देते और उसके बाद अपील करते। जबकि प्रशासन अपने स्तर पर व्यापारियों का कोई भला नहीं करना चाहता। ऐसे में मकान मालिकों से क्या उम्मीद की जा सकती है। प्रशासक की इस अपील का कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला ने भी सवाल उठाया है।

किसने की खबर लीक

पानी के बढ़े हुए रेट पर कांग्रेस और भाजपा में विवाद छिड़ा हुआ है। भाजपा नेता रेट कम करने के लिए प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं। हाल ही में भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद, मेयर रविकांत शर्मा और महासचिव रामवीर भट्टी गवर्नर हाउस में प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को इस मुद्दें पर मिले। लेकिन इस बैठक की जानकारी किसी ने लीक कर दी और एक अखबार में खबर भी प्रकाशित हो गई। खबर लीक होने से सारी रणनीति पर पानी फिर गया। ऐसे में अब भाजपा के नेता इस बात की जांच कर रहे हैं कि प्रशासक से मिलने वाली बात किसने लीक कर दी जबकि उस समय गवर्नर हाउस में इन तीन नेताओं के अलावा प्रशासक ही थे। भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने अपने साथ गए नेताओं से भी इस बारे में पूछा तो हर किसी ने कहा कि उन्होंने इस बात की जानकारी किसी को नहीं दी।


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