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बबला-चावला विवाद: चंडीगढ़ कांग्रेस नेताओं में कलह का किसे फायदा, कहीं यह बगावती सूर तो नहीं

नगर निगम कार्यालय में शनिवार को जो हुआ शायद इससे पहले कभी नहीं हुआ होगा। जहां कांग्रेस के नेता देवेंद्र बबला और पार्टी अध्यक्ष सुभाष चावना के बीच जमकर विवाद हुआ। दोनों के बीच हाथापाई तक नौतब आ गई थी।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sun, 02 Jan 2022 09:58 AM (IST)Updated: Sun, 02 Jan 2022 09:58 AM (IST)
बबला-चावला विवाद: चंडीगढ़ कांग्रेस नेताओं में कलह का किसे फायदा, कहीं यह बगावती सूर तो नहीं
बबला को कांग्रेस का भावी अध्यक्ष भी बताया जा रहा है

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ कांग्रेस में चावला और बबला के बीच विवाद के बाद बवाल मच गया है। कई नेताओं ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल से हस्तक्षेप करने की मांग की है। बंसल ही इस मामले को शांत कर सकते हैं नहीं तो चावला और बबला के बीच अब जुबानी जंग छिड़ जाएगी। वहीं अब कांग्रेस में गुटबाजी बढ़ जाएगी। बबला ने चावला के साथ साथ डीडी जिंदल पर भी पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया है।

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बता दें कि इससे पहले भी कांग्रेस नेता देवेंद्र सिह बबला का प्रदीप छाबड़ा (मौजूदा आप नेता) के साथ भी कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए विवाद चलता रहता था।

बबला को कांग्रेस का भावी अध्यक्ष भी बताया जा रहा है। वहीं बबला के बारे में यह भी चर्चा शनिवार तक जोरों पर थी कि वह भाजपा में जा सकते हैं लेकिन बबला ने यह कहते हुए विराम लगा दिया है कि वह कांग्रेसी हैं और कांग्रेस में ही रहेंगे।

पार्षदों की शपथ ग्रहण समारोह में हुआ कुछ ऐसा

शनिवार को नए जीते हुए पार्षदों का नगर निगम कार्यालय में शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला और महासचिव देवेंद्र सिंह बबला आपस में उलझ गए। नौबत हाथापाई तक पहुंच गई थी। अन्य नेता बीच बचाव में आए। हंगामा इतना हो गया है कि बबला और चावला ने एक-दूसरे को नगर निगम से बाहर आकर देखने की धमकी दी। बबला और चावला के बीच बवाल सदन की दर्शकदीर्घा में हुआ। इस समय बबला की पत्नी हरप्रीत कौर बबला वार्ड नंबर-10 से चुनाव जीती हैं। बबला ने पार्टी अध्यक्ष चावला को गाली भी निकाल दी।

कांग्रेस में कलह का किसे मिलेगा फायदा

कांग्रेस नेताओं में हुए इस विवाद का फायदा भाजपा और आम आदमी पार्टी को मेयर चुनाव के लिए मिल सकता है। क्योंकि दोनों दल अपना अपना मेयर बनाने के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं। आम के पास 14 तो भाजपा के पास सांसद को मिलाकर 13 वोट हैं। वहीं, कांग्रेस के 8 पार्षद जीते हैं। ऐसे में कांग्रेस के पार्षदों भाजपा और आप दोनों में से किसी एक को वोट करेंगे। 8 जनवरी को मेयर का चुनाव हो सकता है। हालांकि कांग्रेस के इस विवाद में भाजपा की तरफ से अभी तक किसी तरह का बयान नहीं आया है। वहीं, आप नेता प्रेम गर्ग ने इसे कांग्रेस का अंदुरुनी मामला बताया है। 


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