पंजाब चुनाव 2022ः चंडीगढ़ में कांग्रेस भवन के बाहर नेताओं की तस्वीरें को पहनाएं जूतों के हार, मचा बवाल
रविवार देर शाम सेक्टर-35 कांग्रेस भवन के बाहर पार्टी के दो नेताओं की तस्वीर चिपका कर उन पर जूतों का हार डाला गया है। जिसमें कहा गया है कि ये दोनों नेता नए साल में संकल्प लें और कांग्रेस पर रहम करें।
राजेश ढल, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव के बीच चंडीगढ़ कांग्रेस में बवाल मच गया है। किसी अज्ञात शख्स ने कांग्रेस भवन में सीनियर नेताओं की तस्वीरों पर जूतों का हार डाल दिए हैं। कांग्रेस नेताओं को इस शख्स की तलाश कर रही है। कांग्रेसी नेताओं ने संभावना जताई है कि यह किसी अपने नेता का ही काम है। रविवार देर शाम सेक्टर-35 कांग्रेस भवन के बाहर पार्टी के दो नेताओं की तस्वीर चिपका कर उन पर जूतों का हार डाला गया है। जिसमें कहा गया है कि ये दोनों नेता नए साल में संकल्प लें और कांग्रेस पर रहम करें। तस्वीरें कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल की हैं। इसके बाद से कांग्रेस के व्हाट्सएप ग्रुप में अलग-अलग नेताओं की ओर से कार्यवाही की मांग की जा रही है।
कांग्रेस भवन में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। लेकिन आसपास की इमारतों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इसीलिए इन कमरों से फुटेज को तलाशा जा रहा है। कांग्रेस के व्हाट्सएप ग्रुप में एक ऐसे नेता पर शक जताया जा रहा है। हालांकि व्हाट्सएप ग्रुपों में उस नेता और उनकी पत्नी का सीधे तौर पर नाम नहीं लिखा है, जो अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहा था पर उसे टिकट नहीं मिली। एक नेता ने व्हाट्सएप ग्रुप पर लिखा है कि जब इस नेता की पत्नी का नाम लिस्ट में नहीं था तो रात 12 बजे उसकी पत्नी ने फोन करके कहा था कि वह यह सब कुछ आने वाले दिनों में करेगी। इस सीनियर नेता का यह भी कहना है कि उन्होंने इसकी जानकारी आला नेताओं को भी दे दी थी।
इसलिए इस घटना के बाद इसी नेता और उसकी पत्नी पर शक जताया जा रहा है। वहीं कांग्रेस के कई नेता यह भी सलाह दे रहे हैं कि इस मामले की पुलिस में शिकायत की जानी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला के समर्थकों का कहना है कि जिसने भी यह घटना की है उनके पास सबूत आ गए हैं।
मालूम हो कि नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद अभी तक समीक्षा बैठक नहीं बुलाई गई है, जिसको लेकर भी कई नेताओं में रोष है। कांग्रेस पंजाब विधानसभा के चुनाव के बाद समीक्षा बैठक बुलाएगी। इस बार नगर निगम चुनाव में पहली बार कांग्रेस.ने मेयर पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया। ना ही मतदान किया। कांग्रेस भवन के बाहर सीनियर नेताओं की तस्वीरें लगाकर उस पर जूतों का हार डालने के मामले को विरोधी दल भी भुना रहे हैं। मालूम हो कि नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के 8 पार्षद चुनाव जीते थे लेकिन पार्टी की गुटबाजी के कारण देवेंद्र बबला अपनी पार्षद पत्नी हरप्रीत कौर बबला के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।
वहीं, कांग्रेसी नेता सतीश कैंथ का कहना है कि जिस किसी ने भी कांग्रेस भवन के बाहर घटना को अंजाम दिया है उस पर पार्टी को जल्द कार्यवाही करनी चाहिए क्योंकि कांग्रेस की हार किसी विशेष नेता के कारण नहीं हुई यह सब की सामूहिक जिम्मेवारी थी।