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चंडीगढ़ के कॉलेज को मिला Green Champion Award 2020-21, एक हजार शैक्षणिक संस्थानों में मारी बाजी

पोस्ट ग्रेजुएशन गवर्नमेंट कालेज फार गर्ल्स (जीसीजी) सेक्टर-11 को ग्रीन चैंपियन अवार्ड 2020-21 मिला है। यह अवार्ड महात्मा गांधी नेशनल काउंसिल आफ रूलर एजुकेशन के डिपार्टमेंट आफ हायर एजुकेशन मिनिस्ट्री आफ एजुकेशन भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए स्वच्छता एक्शन प्लान के तहत मिला है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 01:38 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 01:38 PM (IST)
चंडीगढ़ के कॉलेज को मिला Green Champion Award 2020-21, एक हजार शैक्षणिक संस्थानों में मारी बाजी
पोस्ट ग्रेजुएशन गवर्नमेंट कालेज फार गर्ल्स (जीसीजी) सेक्टर-11 को ग्रीन चैंपियन अवार्ड 2020-21 मिला है।

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। पोस्ट ग्रेजुएशन गवर्नमेंट कालेज फार गर्ल्स (जीसीजी) सेक्टर-11 को ग्रीन चैंपियन अवार्ड 2020-21 मिला है। यह अवार्ड महात्मा गांधी नेशनल काउंसिल आफ रूलर एजुकेशन के डिपार्टमेंट आफ हायर एजुकेशन, मिनिस्ट्री आफ एजुकेशन भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए स्वच्छता एक्शन प्लान के तहत मिला है।

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इस अवार्ड के लिए देश भर के एक हजार से ज्यादा शैक्षणिक संस्थान ने आवेदन किया था जिसमें शहर के अकेले जीसीजी-11 को यह अवार्ड मिला है। अवार्ड के तहत कालेज को पांच हजार कैश के साथ प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। अवार्ड पाने के लिए कालेज की तरफ से डॉ. विशाल शर्मा ने अप्लाई किया था। डॉ. विशाल ही कालेज स्वच्छता के लिए चार सालों से काम कर रहे है।

कॉलेज में सॉल्ड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए कंपोस्ट मशीन होने के साथ-साथ कैंपस में ही गड्डों का निर्माण किया गया है। जहां पर कालेज कैंपस में पैदा होने वाले कचरा डि-कंपोस्ट किया जाता है और उससे कालेज को हरा-भरा बनाने की दिशा में काम हो रहा है। उसी खाद्द के इस्तेमाल से कालेज कैंपस में फूलों की पांच से छह किस्म चल रही है जो कि नगर निगम चंडीगढ़ द्वारा आयोजित रोज फेस्टिवल में भी हिस्सा लेती है और बीते तीन सालों से लगातार अवार्ड हासिल कर रहे है। डा. विशाल ने बताया कि इस प्रक्रिया को शुरू करने से कालेज को दोहरा फायदा हो रहा था। हमें कूड़ा उठाने के लिए कोई खर्च नहीं करना पड़ता और ही खाद्द खरीदने के लिए बाहर जाना पड़ता है और न ही कोई पैसा खर्च करना होता है।

वाटर मैनेजमेंट की व्यवस्था

वेस्ट वेस्ट मैनेजमेंट के अलावा कालेज कैंपस में वाटर मैनेजमेंट की दिशा में भी काम किया गया है। पीने के पानी में इस्तेमाल होने वाले फिल्टर का पानी सीवरेज में फेंकने के बजाए उसका उपयाेग बगीचों में सिंचाई के लिए हो रहा है। वहीं जो भी पेड़-पौधे कालेज कैंपस में लगाए गए है उनकी सिंचाई नल के पानी से करने के बजाए टर्शरी वाटर से की जा रही है जिसके चलते पानी की सबसे ज्यादा बचत हो रही है।

कॉलेज स्टाफ की मेहनत रंग लाई 

कालेज प्रिंसिपल डा. अनीता कौशल ने बताया कि कालेज की तरफ से समय-समय पर बेहतरीन कारगुजारी करने का प्रयास रहता है। इसी दिशा में हमने वेस्ट मैनेजमेंट के साथ-साथ पानी बचाने और उसके सही उपयोग की दिशा में काम किए है। इसी काम को गवर्नमेंट आफ इंडिया के सर्वे में दिया था जिसमें हमें पहला स्थान मिला है। इसके लिए कालेज स्टाफ की मेहनत थी जो कि रंग लाई है। 


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