सड़कों की सफाई का अनुबंध लांयस कंपनी के साथ बढ़ाने के विरोध में आई चंडीगढ़ की सफाई यूनियन
चंडीगढ़ नगर निगम की सोमवार को होने वाली सदन की बैठक में दक्षिणी सेक्टरों में सफाई करने वाली लांयस कंपनी का अनुबंध बढ़ाने का प्रस्ताव आ रहा है। ऐसे में कांग्रेस के बाद अब अनुबंध बढ़ाने के प्रस्ताव के विरोध में सफाई कर्मचारी यूनियन भी आ गई है।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ नगर निगम की सोमवार को होने वाली सदन की बैठक में दक्षिणी सेक्टरों में सफाई करने वाली लांयस कंपनी का अनुबंध बढ़ाने का प्रस्ताव आ रहा है। ऐसे में कांग्रेस के बाद अब अनुबंध बढ़ाने के प्रस्ताव के विरोध में सफाई कर्मचारी यूनियन भी आ गई है।
सफाई यूनियन की बैठक नवनियुक्त अध्यक्ष श्याम लाल घावरी के नेतृत्व में हुई। बैठक में नगर निगम की सेनिटेशन कमेटी के चेयरमैन भरत कुमार ने मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लिया। उन्हें सफाई कर्मचारियों को आ रही परेशानियों के बारे में अवगत करवाया गया। चेयरमैन ने विश्वास दिलवाया कि कर्मचारियों को आ रही समस्याओं को सदन के समक्ष रखी जाएगी।
प्रधान महासचिव सतीश गहलोत ने बताया कि सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास किया गया कि लांयस कंपनी का जो कार्यकाल इस साल नवंबर में खत्म हो रहा है। उसका कार्यकाल आगे न बढ़ाया जाए। इस बैठक में धर्मपाल गहलोत, सतेंद्र कुमार मेहरा, राजरानी, राजकुमार जालान, राजबीर, दीपचंद, कृष्णपाल,जसबीर टांक, सुनिल और राजेश भी शामिल हुए।
अध्यक्ष श्याम लाल घावरी का कहना है कि यूनियन की मांग हे कि लांयस कंपनी को एक्टेंशन न दी जाए क्योंकि कंपनी के अधीन जो भी सफाई कर्मचारी कार्य कर रहे हैं कंपनी उनसे गुलामों जैसा व्यवहार कर रही है। उनका शोषण कर रही है। कंपनी ने सफाई कर्मचारियों को कभी भी वक्त पर देतन नहीं दिया और अगर कोई कर्मचारी पानी या शौचालय के लिए जाता है तो उन्हें कंपनी अपने दफ्तर में बुलाकर धूप में खड़ा करके रखते हैं और बंधुआ मजदूर जैसा व्यवहार करते हैं।
मालूम हो कि इस समय नगर निगम हर साल कंपनी को सफाई के लिए 54 करोड़ का भुगतान कर रही है। कांग्रेस पार्टी ने निर्णय लिया है कि सदन की बैठक में अनुबंध न बढ़ाने की राय दी जाएगी। कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला का कहना है कि भाजपा के पास बहुमत का आकड़ा है। ऐसे में वह अनुबंध बढ़ाने का प्रस्ताव पास कर सकती है, लेकिन वह इसका विरोध करेंगे। उनका आरोप है कि भाजपा पार्षद हमेशा ही लांयस कंपनी का समर्थन करते आए हैं।