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कभी देखें हैं एक मंच पर 25 रावण! चंडीगढ़ के अनूठे कार्यक्रम में एक-दूसरे से सीख रहे अभिनय की बारीकियां

चंडीगढ़ में पहली बार रामलीला में रावण का अभिनय करने वाले कलाकारों का अनूठा जमावड़ा हो रहा है। श्री राम उत्सव कमेटी के डायरेक्टर राजेश चौहान ने कहा कि इसका मकसद है कि कलाकार एक-दूसरे से सीखकर रावण का किरदार बेहतर तरीके से निभाएं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sun, 03 Jan 2021 04:28 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jan 2021 04:28 PM (IST)
कभी देखें हैं एक मंच पर 25 रावण! चंडीगढ़ के अनूठे कार्यक्रम में एक-दूसरे से सीख रहे अभिनय की बारीकियां
चंडीगढ़ में पहली एक मंच पर 25 रावण एकत्र हो रहे हैं। (जागरण)

चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। रामलीला में आप एक ही रावण देखते हैं लेकिन यहां टैगोर थिएटर में श्री राम उत्सव कमेटी के कार्यक्रम में एक नहीं बल्कि एक साथ 25 रावण देखने को मिल रहे हैं। इसमें सिटी की विभिन्न रामलीलाओं के रावणों के साथ पंचकूला के रावण भी पहुंचे हैं। मकसद है रावण की अच्छाइयां उजागर करके एक-दूसरे से बेहतर अदाकारी सीखना। अपनी तरह का यह पहला कार्यक्रम टैगोर थिएटर सेक्टर-18 में आयोजित किया जा रहा है। 

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श्री राम उत्सव कमेटी के प्रधान राजेंद्र बग्गा ने बताया कि रावण में अनेक खूबियां भी थीं जिसके कारण उन्हें बेहद बुद्धिमान माना जाता था। रावण चार वेदों का ज्ञाता था लेकिन माता सीता के हरण के बाद उन्हें नाकारात्मक रूप में देखा जाने लगा। यह सही भी है लेकिन उनके अंदर अच्छाइयां भी थी। सीता का हरण करने के बाद भी उसने माता सीता को बिना अनुमति के छुआ तक नहीं था। ऐसे गुणों को उजागर करना भी जरूरी है।

मकसद- 'रावण' एक-दूसरे से सीखें

इस बार कोरोना महामारी के चलते श्रीरामलीला को हर कोई नहीं देखा सका। इसलिए हमने एक प्रयास किया है कि एक मंच पर सभी रावण इकट्ठे हों और एक-दूसरे से सीख लेकर श्रीरामलीला में उन चीजों को भी दिखाएं जो दूसरे रावण बनने वाले कलाकार बेहतर करते हैं।

चंडीगढ़ में पहली बार रामलीला में रावण का किरदार निभाने वाले कलाकारों को एक मंच पर लाया गया है।

पहली बार ऐसा आयोजन

एक मंच पर अनेक रावण इकट्ठे होने का कार्यक्रम पहली बार आयोजित किया जा रहा है। श्री राम उत्सव कमेटी के डायरेक्टर राजेश चौहान ने कहा कि एक साथ रावण इकट्ठे करने का संयोग कभी नहीं हुआ है लेकिन हमारा प्रयास श्रीरामलीला के अभिनय को बढ़ावा देना भी है। आज के समय बच्चे अपने-अपने राेजगार के चक्कर में परंपरा को भूल रहे हैं। इसी कारण यह एक प्रयास किया गया है। आज रावण एक-दूसरे से मिल रहे हैं। भविष्य में प्रयास रहेगा कि हम इस काम को आगे बढ़ाएं और दूसरे कलाकारों और उनकी खूबियाें को भी एक मंच पर पेश करें।


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