Chandigarh CBSE Topper : मोबाइल-टीवी से दूरी बनाकर व योग को अपनाकर सिद्धार्थ राणा बने टाॅपर
Chandigarh CBSE Topper सीबीएसई रिजल्ट में टॉप करने वाले सिद्धार्थ खेल व अन्य गतिविधियों में भी आगे हैं। नेशनल लेवल की प्रतियोगिताओं में 20 से अधिक मेडल हासिल कर चुके हैं।
चंडीगढ़, [डॅा. सुमित सिंह श्योराण]। Chandigarh CBSE Topper सपने उन्हीं के सच होते हैं, जिनकी सोचने और उसे करने की उड़ान भी वैसी हो। जिंदगी में शुरु से ही मेरा लक्ष्य आईआइटी मुंबई या दिल्ली से बीटेक करना और फिर देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सर्विसेज में जाना है। यह कहना है सेक्टर-38 स्थित गुरु हरकिशन मॉडल स्कूल के होनहार छात्र सिद्धार्थ राणा का। सोमवार को घोषित सीबीएसई 12वीं के नतीजों में राणा ने शानदार प्रर्दशन करते हुए नाॅन मेडिकल संकाय में दूसरा स्थान हासिल किया है।
दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में राणा ने बताया कि परिवार के सहयोग और टीचर्स के मार्गदर्शन से ही वह यहां तक पहुंचा है। सेक्टर-24 निवासी सिद्धार्थ सिंह राणा ने सीबीएससी 12वीं नॉन मेडिकल की परीक्षा में 493/500 अंक( 98.6 फीसद) के साथ ट्राइसिटी की टॉपर लिस्ट में जगह बनाई है। सिद्धार्थ के पिता डॉ. देवेंद्र राणा मनोरोग विभाग चंडीगढ़ स्थित पीजीआई चंडीगढ़ में कार्यरत है। जबकि उनकी माता अंजू कुमारी शिक्षा विभाग हरियाणा पंचकूला में केमिस्ट्री की लेक्चरर हैं। बेटे की सफलता पर पिता डॉ.देवेंद्र राणा बताते हैं कि बेटा बचपन से ही आॅल राउंडर रहा है, पढ़ाई के साथ ही खेल और दूसरी गतिविधियों में बहुत अच्छा प्रर्दशन किया है। घर में सजे मेडल सिद्धार्थ की प्रतिभा के साक्षी हैं।
बीटेक के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी
12वीं में बेहतर रिजल्ट के बाद सिद्धार्थ इन दिनों देश के नामी आईआइटी मुंबई या दिल्ली से बीटेक में दाखिले की तैयारी कर रहा है। राणा को उम्मीद है कि उन्हें उनके पसंदीदा कंप्यूटर साइंस संकाय में दाखिला मिल जाएगा। सिद्धार्थ ने बताया कि उनका लक्ष्य करियर के तौर पर आईएएस बनना है। जिसके लिए उसने स्कूल लेवल से ही मन बना लिया। राणा के अनुसार सिविल सर्विसेज में जाने के लिए आॅलराउंडर होना बहुत जरुरी है।
मेडल से भर दी झोली
सिद्धार्थ की प्रतिभा बचपन से ही दिखने लगी। कई नेशनल लेवल की प्रतियोगिताओं में 20 से अधिक मेडल हासिल किए हैं। स्कूल स्तर की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा मानी जाने वाली 2018 में नेशनल टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन क्वालीफाई किया। सिद्धार्थ ने अंतर्राष्ट्रीय मैथमेटिक्स ओलंपियाड 2018 में भी अपना दबदबा कायम रखते हुए दूसरा स्थान हासिल किया है। 2017 में इंटरनेशनल ओलिंपियाड ऑफ साइंस में भी 7वां रैंक हासिल किया है।
योग और प्राणायाम रुटीन का हिस्सा
सिद्धार्थ ने बताया कि किसी भी क्षेत्र में बेहतर करने के लिए फिटनेस बहुत जरुरी है। जिसपर वह हमेशा से ही बहुत ध्यान देता है। दिन की शुरुआत सुबह एक घंटा योग और मेडिटेशन से होती है। जिससे वह दिनभर तंदरुस्त बना रहता है। सिद्धार्थ ने बताया कि उसने बीते दो सालों से मोबाइल और टीवी से हमेशा ही दूरी बनाकर रखी है। उन्होंने कहा कि युवाओं को अगर आगे बढ़ना है तो सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखें।
पर्यावरण के प्रति जगरूक करना जरुरी
सिद्धार्थ ने कहा कि आज के दौर में पर्यावरण सबसे बड़ा मुद्दा है। जिसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। वह कहता है कि हमें अपने आसपास स्वच्छ एवं साफ सुथरा वातावरण रखने के लिए पौधारोपण करना अति आवश्यक है। अभी तक अपने घर के आसपास 20 से अधिक पौधारोपण कर चुका है।