प्रापर्टी कन्वर्जन और कन्वर्जन चार्जेस जैसे मुद्दों का हल लोकल लेवल पर करने के लिए प्रशासक को पावर देने की मांग
इंडस्ट्री और ट्रेड से जुड़े लंबित मुद्दों को जल्द हल करवाने के लिए चंडीगढ़ बिजनेस काउंसिल का प्रतिनिधिमंडल विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी से मिला।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : इंडस्ट्री और ट्रेड से जुड़े लंबित मुद्दों को जल्द हल करवाने के लिए चंडीगढ़ बिजनेस काउंसिल का प्रतिनिधिमंडल विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी से मिला। बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष चंद्र वर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें बताया कि चंडीगढ़ में कलेक्टर रेट पंचकूला और मोहाली से अधिक है। जबकि फ्लोर एरिया रेशो इन दोनों जगह अधिक है। इस वजह से इंडस्ट्री इन शहरों में पलायन कर रही है। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ में प्रापर्टी लीज से फ्री होल्ड का मामला 35 साल पुराना है। कन्वर्जन चार्जेस भी तय नहीं है। ऐसे कई मामले मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के पास लंबित हैं। उन्होंने आग्रह किया कि चंडीगढ़ के लंबित मामलों के लिए यूटी प्रशासक को स्पेशल पावर दी जानी चाहिए। राजनीतिक दल चुनाव में उनसे वोट इन्हीं मुद्दों पर लेते हैं। ट्रेडर्स टैक्स अदा कर इकोनॉमी को चलाते हैं लेकिन उनके मामलों को कोई हल नहीं करता।
प्रापर्टी कन्वर्जन शुरू करने की मांग
चंद्र वर्मा ने बताया कि वह प्रापर्टी को लीज टू फ्री होल्ड कराने की मांग 1990 से कर रहे हैं। प्रापर्टी फ्री होल्ड होने से मालिकों को बड़ी राहत मिलेगी। वह अपनी प्रापर्टी पर लोन ले सकेंगे। बिजनेस को आगे बढ़ा सकेंगे। ऐसा होने पर प्रशासन को भी बड़े स्तर पर रेवेन्यू मिलेगा फिर चाहे वह कन्वर्जन चार्जेस के रूप में हो या फिर स्टैंप ड्यूटी के तौर पर।
कलेक्टर रेट घटाने की मांग
बिजनेस काउंसिल ने मंत्री को बताया कि चंडीगढ़ में साथ लगते राज्यों से कलेक्टर रेट काफी अधिक है। प्रापर्टी की असल मार्केट वेल्यू कलेक्टर रेट से कम है। मध्य मार्ग पर एससीओ 18 करोड़ रुपये में उपलब्ध है जबकि कलेक्टर रेट 30 करोड़ रुपये है। इसी तरह से इंडस्ट्रियल एरिया में दो कनाल एरिया का कन्वर्टिड प्लॉट नौ करोड़ में मिल जाएगा जबकि कलेक्टर रेट 15 करोड़ बनता है। उन्होंने एडवाइजर से भी कलेक्टर रेट कम से कम 30 से 40 फीसद घटाने की मांग पिछले सप्ताह की थी।
यह मांग भी उठाई
चंडीगढ़ बिजनेस काउंसिल ने फेज-2 की तरह फेज-1 सेक्टरों में एससीओ, एससीएफ की बैक साइड बॉक्स टाइप स्ट्रक्चर बनाने की मंजूरी मांगी। फेज-1 में सेक्टर-1 से 30 आते हैं। इससे ऑनर्स को बिजनेस में फायदा मिलेगा। कई बार इसको मंजूरी देने की बात हुई लेकिन आगे नहीं बढ़ा। इसी तरह से सेक्टर-7 और 26 में एससीआई की बैकसाइड 25 फीसद ओपन एरिया कवर करने की मांग की। पंजाब पैटर्न पर वैट केस एक ही बार में सेटल करने की मांग रखी। साथ ही बिल्डिंग का ऑनलाइन कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी करने की सुविधा शुरू करने की मांग रखी। वैट असेमेंट में हो रही देरी का मुद्दा भी उठाया। ट्रेडर्स संबंधी गवर्नमेंट बॉडी में ट्रेडर्स मेंबर को मनोनित करने के साथ मनोनित पार्षद नियुक्त करने की मांग भी रखी।
Edited By Jagran