चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद बोले- जब तक कोरोना तब तक न बढ़ाए जाए पानी के दाम, अन्य राहत भी दी जाए
चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने प्रशासक द्वारा पानी की बढ़ी हुई दरों को 31 मार्च 2022 तक लागू न किए जाने के फैसले का स्वागत किया है। इसके साथ कोरोना महामारी के चलते शहरवासियों के लिए अन्य आर्थिक राहतों की भी मांग की है।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने प्रशासक द्वारा पानी की बढ़ी हुई दरों को 31 मार्च 2022 तक लागू न किए जाने के फैसले का स्वागत किया है। इसके साथ कोरोना महामारी के चलते शहरवासियों के लिए अन्य आर्थिक राहतों की भी मांग की है।
अरुण सूद ने मांग की है कि पानी दरों में बढ़ोतरी पर लगाई गई रोक को जब तक कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता तब तक बढ़ाया जाना चाहिए। जिन लोगों ने पानी की बढ़ी हुई दरों के हिसाब से बिल जमा करवा दिए हैं वह राशि आने वाले बिलों में एडजस्ट की जाए और सीवरेज सेस चार्जेस भी 30 से घटाकर 5 फीसद किया जाना चाहिए। मालूम हो कि पानी के रेट कम करवाने के लिए पिछले सप्ताह भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद और मेयर रविकांत शर्मा प्रशासक वीपी सिंह बदनोर से मिले थे।
अरुण सूद ने इसे भारतीय जनता पार्टी के प्रयासों से लोगों के हितों में लिया गया एक सराहनीय फैसला बताया है । साथ ही साथ कोरोना महामारी के चलते शह वासियों के लिए अन्य आर्थिक राहतों की भी मांग की है। अरुण सूद ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा शहरवासियों की भलाई के लिए काम करती है और इसी कड़ी में पानी की बढ़ी हुई दरों पर रोक लगवाने में कामयाब रही है।
अरुण सूद ने बताया कि दिसंबर 2019 में जब पानी के रेट बढ़ाने का एजेंडा नगर निगम हाउस में आया तो कांग्रेसी पार्षद उस पर पर बहस करने की बजाय अपनी जिम्मेदारी से भाग गए। उसके बाद फरवरी 2020 में भाजपा पार्षदों द्वारा ही हाउस में इस एजेंडे को रिव्यू किया और बढ़ी हुई दरों में कटौती करने का एजेंडा पास करके प्रशासन को भेजा गया। इसके बाद कोरोना की वजह से इस मामले में फैसला नहीं लिया जा सका। लेकिन भारतीय जनता पार्टी लगातार इस मामले में प्रशासन पर दबाव बनाए हुए थी और भाजपा नेताओं ने समय-समय पर प्रशासक व सलाहकार से मिलकर यह मामला उठाया। अंत में प्रशासक ने इस मामले पर राहत दी है जिससे पूरे शहर में खुशी की लहर है।
अरुण सूद ने यह भी मांग की है कि केंद्र सरकार की राहत की नीतियों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को भी बिजली के बिलों, सरकारी दुकानों के किराये, प्रॉपर्टी टैक्स, लीज मनी, ब्याज आदि सभी प्रकार की सरकारी देनदारियों में राहत दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासक की अध्यक्षता में सोमवार को हुई वार रूम की बैठक में शहर वासियों को आर्थिक राहत देने बारे अलग से विचार कर फैसला लिए जाने का प्रस्ताव आया है उसके अनुसार अब अलग से बैठक करके शहर वासियों को आर्थिक राहत भी दी जानी चाहिए।
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