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चंडीगढ़ बनेगा कार्बन न्यूट्रल सिटी, शहर में नहीं रहेंगी डीजल बसें, कचरे के निपटारे के लिए प्रशासन ने बनाया प्लान

सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ को कार्बन न्यूट्रल सिटी बनाने की दिशा में यूटी प्रशासन ने पहल कर दी है। साल 2030 तक शहर को कार्बन न्यूट्रल सिटी बनाने की योजना पर काम शुरू हो चुका है। इस योजना के तहत सबसे पहले कचरा प्रबंधन प्रणाली को बेहतर बनाया जा रहा है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 11:28 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 11:28 AM (IST)
चंडीगढ़ बनेगा कार्बन न्यूट्रल सिटी, शहर में नहीं रहेंगी डीजल बसें, कचरे के निपटारे के लिए प्रशासन ने बनाया प्लान
प्रशासन ने अगले आठ सालों में शहर को कार्बन न्यूट्रल सिटी बनाने की योजना शुरू की है।

विशाल पाठक, चंडीगढ़। सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ को कार्बन न्यूट्रल सिटी बनाने की दिशा में यूटी प्रशासन ने पहल कर दी है। साल 2030 तक शहर को कार्बन न्यूट्रल सिटी बनाने की योजना पर काम शुरू हो चुका है। इस योजना के तहत सबसे पहले कचरा प्रबंधन प्रणाली को बेहतर बनाया जा रहा है। 524 बिन कचरा संग्रहण वाहनों को अलग किए गए कचरे को इकट्ठा करने लिए लगाया गया है।

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इन वाहनों की प्रॉपर मॉनिटरिंग के लिए 622 एसडब्ल्यूएम वाहनों को जीपीएस ट्रैकिंग पर रखा गया है। शहर में दो मैटेरियल रकवरी फैसिलिटी सेंटर चल रहे हैं। रोजाना 200 टन कचरे की प्रोसेसिंग हो रही है। तीसरा एमआरएफ सेंटर जनवरी तक शुरू हो जाएगा और उसके बाद 550 टन कचरे का साइंटफिक प्रबंधन किया जाएगा।

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स को किया जा रहा अपग्रेड

शहर के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स को देश के सबसे कड़े मानकों का पालन करने के लिए अपग्रेड किया जा रहा है। इसके साथ ही पूरी तरह से ट्रीटेड पानी को गैर-संपर्क उपयोगों के लिए दोबारा उपयोग करने योग्य बनाया जा रहा है। इसी के तरह कार्बन फ्री सिटी बनाने की दिशा में 40 इलेक्ट्रिक बसों को एक्सप्रेस कमर्शियल ऑपरेशंस में शुरू कर दिया गया है। जून 2022 तक शहर के संचालन में अन्य 40 इलेक्ट्रिक बसें शुरू की जाएंगी। शहर में सभी डीजल बसों को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक बसों में बदल दिया जाएगा।

ग्रीन सिटी के तहत सोलर पावर प्लांट को दिया जा रहा बढ़ावा

ग्रीन सिटी कॉन्सेप्ट को आगे बढ़ाने के लिए प्रशासन इस दिशा में काम कर रहा है। शहर में नए सोलर प्रोजेक्ट लाए जा रहे हैं, ताकि शहर को साेलर सिटी बनाया जा सके। अभी तक प्रशासन 47 मेगावाट क्षमता के 3,841 स्थलों पर सोलर प्लांट लगा चुका है। इंडिया एट प्रोग्राम के तहत शहर में 75 मेगावाट तक क्षमता बढ़ाई जाएगी। इसके तहत सेक्टर-39 वाटर वर्कस में दो मेगावाट फ्लोटिंग सोलर फोटोवोल्टिक पावर प्लांट, धनास झील में फव्वारे के साथ 500 किलोवाट फ्लोटिंग एसपीवी पावर प्लांट, पटियाला की राव में दो एमडब्ल्यूपी कैनाल टॉप एसपीवी पावर प्लांट ओर एन चो में 2.4 एमडब्ल्यूपी कैनाल टॉप एसपीवी पावर प्लांट लगाया जाएगा।


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