भाग मिल्खा भाग देख मिली थी चंडीगढ़ की सिमरन को प्रेरणा, 100 से ज्यादा मेडल जीत बनी बेस्ट एथलीट
सिमरन पिछले तीन साल से चंडीगढ़ एथेलटिक्स मीट में बेस्ट एथलीट का खिताब जीत रही हैं। सिमरन अभी तक अलग -अलग प्रतियोगिताओं में 11 बार बेस्ट एथलीट चयनित हो चुकी हैं। सोलह साल की सिमरन ने कुल 100 मेडल जीते हैं जिसमें चार नेशनल मेडल हैं।
विकास शर्मा, चंडीगढ़। भाग मिल्खा भाग फिल्म देखकर सिमरन कौर ने एथलीट बनने की ठानी थी, सालों मेहनत की और आज वह 100 मीटर व 200 मीटर दौड़ में शहर की बेस्ट एथलीट है। सिमरन के बेहतरीन प्रदर्शन के चलते यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की तरफ से उसका चयन पंचकूला में आयोजित होने वाले खेलो इंडिया गेम्स के लिए हुआ।
सिमरन ने बताया कि पुणे में आयोजित खेलो इंडिया में भी उसका प्रदर्शन शानदार रहा था, वह टूर्नामेंट में छठे नंबर पर रही थी। इस बार पंचकूला में वह मेडल जीतने से नहीं चूकेंगी। बता दें सिमरन के प्रदर्शन की तारीफ खुद स्वर्गीय मिल्खा सिंह भी कर चुके हैं। उन्होंने सिमरन को दौड़ने के टिप्स भी दिए। सिमरन अक्सर कहती है कि भाग मिल्खा भाग देखकर उन्हें मिल्खा सिंह के जीवन को जानने में काफी मदद मिली। खासकर उनका संघर्ष सच में हर एथलीट के लिए प्रेरणादायक है।
कई प्रतियोगिताओं में खुद को साबित कर चुकी हैं सिमरन
सिमरन कौर पिछले तीन साल से चंडीगढ़ एथेलटिक्स मीट में बेस्ट एथलीट का खिताब जीत रही हैं। सिमरन अभी तक अलग-अलग प्रतियोगिताओं में 11 बार बेस्ट एथलीट चयनित हो चुकी हैं। सोलह साल की सिमरन ने कुल 85 मेडल जीते हैं, जिसमें चार नेशनल मेडल हैं। सिमरन अंडर -14 के बाद से अब तक हर स्टेट एथलेटिक्स मीट में यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की हर तरफ से साल बेस्ट एथलीट रही हैं। इसमें तिरुपति में आयोजित ड्रिस्टिक नेशनल गेम्स में ट्रैक रनिंग रिकार्ड तोड़ा और 200 मीटर दौड़ 26.17 सैकेंड में पूरी की।
विजयवाड़ा में आयोजित जूनियर नेशनल गेम्स 800 मीटर दौड़ में ब्रांज मेडल जीता। महाराष्ट्र में आयोजित स्कूल नेशनल गेम्स में 200 मीटर में ब्रांज मेडल जीता। महाराष्ट्र में आयोजित स्कूल नेशनल गेम्स में ब्रांज मेडल जीता है। सिमरन मौजूदा समय में सेक्टर 7 के स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में प्रेक्टिस करती हैं। सिमरन के कोच मनजिंदर सिंह हीरा का कहना है कि उन्हें सिमरन से मेडल की उम्मीद है।
सिमरन को देखकर उसके छोटे भाई बहन भी बने एथलीट
नेशनल एथलीट्स सिमरन कौर के छोटे भाई -बहन भी एथलीट हैं। हाल ही में स्पोर्ट्स कांप्लेक्स -7 में आयोजित इंटर डिस्ट्रिक्ट एथलेटिक्स मीट में सिमरन की छोटी बहन हरमनजीत कौर ने शाटपुट में गोल्ड मेडल जीता, तो छोटे भाई अजीत ने बाल थ्रो में मेडल जीता। इससे पहले स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सिमरन और हरमनजीत कौर दोनों बेस्ट एथलीट्स चुनी गई थी।
गवर्नमेंट माडल सीनियर सेंकेंडरी स्कूल -47 में पढ़ने वाली हरमनजीत कौर ( अंडर-14) ने बताया कि लाकडाउन के दिनों में हम पार्क में प्रैक्टिस करते थे। इसी दौरान मेरी रुचि शाटपुट खेल में हो गई। लाकडाउन के बाद जब स्पोर्ट्स कांप्लेक्स खुले तो मैंने कोचिंग शुरू कर दी। इसी साल मैंने पहली बार चंडीगढ़ स्टेट जूनियर एथलेटिक्स मीट में हिस्सा लिया था। जिसमें शाटपुर में 8.11 मीटर थ्रो करके अपना पहला गोल्ड मेडल औऱ 30 मीटर बाल थ्रो कर दूसरा मेडल जीता था।
मां-बाप को बेटी पर नाज
सिमरन के पिता गुरमीत सिंह और मां ज्योति ने बताया कि सिमरन सालों से कड़ी मेहनत कर रही है उसकी मेहनत का नतीजा है कि वह लगातार हर टूर्नामेंट में मेडल जीत रही है। सिमरन अब तक 100 से ज्यादा मेडल जीत चुकी है, ऐसे में जब भी कोई मेहमान उनके घर आता है तो वह सिमरन की जीती हुई ट्राफी देखकर हैरान होता है।