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Chandigarh: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए ASSOCHAM 5 जून से शुरू करेगा कोविड-19 अवेयरनेस वेब सीरीज

देश की एक जिम्मेदार एपेक्स बॉडी होने के नाते एसोचैम इस घातक वायरस के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए कोविड-19 अवेयरनेस वेब सीरीज लेकर आया है। वेब सीरीज का पहला सत्र डायबिटिज रोगियों पर कोविड-19 के प्रभाव पर आयोजित होगा।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 12:34 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 12:34 PM (IST)
Chandigarh: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए ASSOCHAM 5 जून से शुरू करेगा कोविड-19 अवेयरनेस वेब सीरीज
एसोचैम 5 जून से शुरू करेगा कोविड-19 अवेयरनेस वेब सीरीज।

चंडीगढ़, जेएनएन। पूरा देश कोविड-19 की दूसरी लहर से लड़ रहा है। देश की एक जिम्मेदार एपेक्स बॉडी होने के नाते एसोचैम इस घातक वायरस के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए कोविड-19 अवेयरनेस वेब सीरीज लेकर आया है। वेब सीरीज का पहला सत्र डायबिटिज रोगियों पर कोविड-19 के प्रभाव पर देश के प्रमुख डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. वी मोहन के साथ 5 जून (शनिवार को) को वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर सुबह 11 बजे आयोजित किया जाएगा। बाद के अन्य सत्र पाक्षिक रूप से हृदय रोगियों, नेफ्रोलॉजी रोगियों, पल्मोनोलॉजी और न्यूरोलॉजी रोगियों पर कोविड 19 के प्रभावों पर अंतिम सत्र आयोजित किया जायेगा।

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कोरोना वायरस एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है,जो वायरस वाले किसी व्यक्ति के निकट संपर्क से फैलती है। हालांकि मधुमेह, फेफड़ों की समस्या वाले लोगों को सांस की समस्या, फेफड़े, किडनी और हृदय के संक्रमण में गंभीर जटिलताएं विकसित होने का खतरा अधिक होता है। डॉ मोहन डायबिटीज स्पेशलिटी सेंटर के चेयरमैन और मद्रास डायबिटीज रिसर्च सेंटर चेन्नई के प्रेसिडेंट डॉ. वी मोहन बताते है कि कोविड पिछली सदी की सबसे बड़ी चिकित्सा आपदाओं में से एक रहा है। दुर्भाग्य से यह अनियंत्रित डायबिटीज वाले रोगी हैं जो इससे बुरी तरह से प्रभावित होते हैं। यह सत्र इस बारे में बात करता है कि कैसे डायबिटिज को अच्छी तरह से नियंत्रित किया जाए और इस प्रकार कोविड के कारण खराब परिणामों के जोखिम को कम किया जाए। यह लोगों को महामारी के दौरान अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए व्यावहारिक सुझाव देता है।

हिमाचल प्रदेश स्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के चेयरमैन और आयुष ग्रुप ऑफ कंपनीज इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर  जितेंद्र सोढ़ी ने कहा कि जैसा कि हम जानते है कि सह-रुग्णता वाले लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा अधिक होता है और इससे मृत्यु दर अधिक होती है। इस विषय पर डॉ मोहन की मूल्यवान और जानकार अंतर्दृष्टि के साथ, कोई भी व्यक्ति अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से एक वरदान हो साबित हो सकता है जो मधुमेह महामारी के कर्व को मोडऩे में सहायक हो सकता है और मधुमेह से पीडि़त लोगों की मदद कर सकता है।

एसोचैम हिमाचल प्रदेश स्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के को-चेयरमैन और अल्फा केमिकल्स के सीईओ और फाउंडर राकेश नागपाल ने कहा कि अब तक हम सभी को पता चल गया है कि कोविड-19 एक ऐसी स्थिति है जो सह-रुग्णता के साथ बदतर होती जाती है और यह साबित भी हुआ है कि डायबिटिक मरीज काविड-19 के बदतर परिणामों से पीडि़त हैं और गंभीरता व लंबे समय तक ठीक होने के लिए ज्यादा खतरनाक है। 


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