ये कैसा फरमान; कोरोना से स्कूलों में पढ़ाई बंद, लेकिन पढ़ना-लिखना अभियान के लिए फिल्ड में सर्वे करेंगे स्टूडेंट्स
19 जनवरी को शहर के सभी स्कूलों को जारी ईमेल में अडल्ट एजुकेशन ब्रांच कहा है कि हर स्कूल 100 लोगों का डाटा इकट्ठा करके 20 जनवरी दोपहर 12 बजे तक ब्रांच में जमा करवाएगा। यह डाटा एनएसएस वालंटियर्स इकट्ठा करेंगे।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। कोरोना की वजह से चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर के सभी स्कूलों को बंद कर दिया है। 50 फीसद टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ स्कूल आ रहा है और बच्चों की आनलाइन पढ़ाई हो रही है। वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग का अडल्ट एजुकेशन ब्रांच ने अपना टारगेट पूरा करने के लिए एनएसएस वालंटियर्स (स्कूली छात्र) को फील्ड में जाकर सर्वे करने के निर्देश जारी किए हैं। यह सर्वे पढ़ना-लिखना अभियान के लिए किया जा रहा है, जिसमें ऐसे लोगों का डाटा तैयार करना है जो कि पढ़े-लिखे नहीं है। स्टूडेंट्स सर्वे करके रिपोर्ट स्कूल एनएसएस इंचार्ज को देगा और इंचार्ज उसकी डिटेल अडल्ट एजुकेशन ब्रांच को जमा करवाएगा।
19 जनवरी को शहर के सभी स्कूलों को जारी ईमेल में अडल्ट एजुकेशन ब्रांच कहा है कि हर स्कूल 100 लोगों का डाटा इकट्ठा करके 20 जनवरी दोपहर 12 बजे तक ब्रांच में जमा करवाएगा। स्कूल एनएसएस इंचार्ज की तरफ से ईमेल के जबाव में डाटा न होने की जानकारी दी गई, जिसपर ब्रांच की तरफ से हर हाल में डाटा जमा कराना के लिए कहा गया है।
साक्षरता दर बढ़ाने के लिए शुरू हुआ अभियान
देश में साक्षरता दर बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से सभी राज्यों को ज्यादा से ज्यादा अडल्ट एजुकेशन शुरू करने के निर्देश दिए हैं। पढना लिखना अभियान देश में साल 2030 तक शत प्रतिशत साक्षरता पाने के लक्ष्य के साथ चलाया जा रहा है। चंडीगढ़ में अडल्ट एजुकेशन का टारगेट शिक्षा विभाग की अडल्ट एजुकेशन ब्रांच पूरा कर रही है और उसका सहयोग एससीईआरटी सेक्टर-32 की ब्रांच कर रही है। एससीईआरटी की प्लानिंग के अनुसार शहर के एनएसएस वालंटियर्स को फील्ड में उतारना है। वालंटियर्स पहले उन लोगों का डाटा इकट्ठा करेंगे जो बिल्कुल भी पढ़े लिखे नहीं है और उसके बाद उन्हें बेसिक एजुकेशन दी जाएगी।
तीन सौ से ज्यादा लोगों की जानकारी दे चुका है हर स्कूल
पढ़ना-लिखना अभियान जुलाई-अगस्त 2021 में शुरू हुआ था। अडल्ट एजुकेशन ब्रांच तीन से चार बार डाटा मांग चुकी है, जिसमें हर स्कूल 300 से ज्यादा लोगों की जानकारी दे चुका है। नए जारी हुए निर्देश में सबसे ज्यादा परेशानी सेक्टर्स के स्कूल इंचार्ज को आ रही है, क्योंकि सेक्टर्स में साक्षरता दर स्लम एरिया से ज्यादा है।
अडल्ट एजुकेशन ब्रांच से निकाले गए प्रेरक
केंद्र सरकार की तरफ से शुरू किए गए पढ़ना-लिखना अभियान को दूसरे राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में अडल्ट एजुकेशन ब्रांच के अधीन सेवाएं देने वाले प्रेरक पूरा करते है। चंडीगढ़ अडल्ट एजुकेशन ब्रांच ने नियमों में उलझकर प्रेरकों को काम से निकाल दिया गया। अब उनका काम एनएसएस वालंटियर्स से पूरा करवाया जा रहा है।
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"जानकारी केंद्र से मांगी गई है, जिसे उपलब्ध करवाना अनिवार्य है। हम आदेशों का पालन कर रहे हैं।
-नीना कालिया डायरेक्टर एडल्ट एजुकेशन