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तीन हफ्तों का बचा चंडीगढ़ के प्रशासक का कार्यकाल, अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा कराने में जुटे प्रशासक बदनौर

पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी प्रशासक वीपी सिंह बदनौर अपने कार्यकाल के अंतिम पड़ाव पर है। चंडीगढ़ में उनका तीन सप्ताह का कार्यकाल और बचा है। लेकिन प्रशासक अपने कार्यकाल पूरा होने से पहले अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने में जुटे हुए हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 12:38 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 12:38 PM (IST)
तीन हफ्तों का बचा चंडीगढ़ के प्रशासक का कार्यकाल, अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा कराने में जुटे प्रशासक बदनौर
पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी प्रशासक वीपी सिंह बदनौर। (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी प्रशासक वीपी सिंह बदनौर अपने कार्यकाल के अंतिम पड़ाव पर है। चंडीगढ़ में उनका तीन सप्ताह का कार्यकाल और बचा है। इसके बाद उनकी जगह कोई नया चेहरा प्रशासक की कमान संभाल लेगा। कार्यकाल के अंतिम दिनों में प्रशासक बदनौर अधिकारियों से मैराथन मीटिंग कर सभी अहम प्रोजेक्ट को रिव्यू कर रहे हैं। खासकर अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को वह सिरे चढ़ाने में जुटे हैं, जिससे शहर उनको इन प्रोजेक्ट की वजह से याद रखे।

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हालांकि जैसा सोचा था वैसा हो नहीं पाया। प्रशासक के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक गवर्नमेंट प्रेस में बनने वाले इंटरनेशनल म्यूजियम की शुरुआत नहीं हो सकी। प्रशासक ने इस बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर विंटेज कार म्यूजियम बनाने का सपना देखा था। इस पर तेजी से काम भी शुरू कराया, लेकिन कल्चरल डिपार्टमेंट के कई बार टेंडर करने के बाद भी किसी कंपनी ने म्यूजियम चलाने में इंटरेस्ट नहीं दिखाया। अब प्रशासन ने इस बिल्डिंग को इंडियन एयरफोर्स को सौंपने की तैयारी कर ली है। ताकि एयरफोर्स यहां अपना म्यूजियम बना सके। इंडियन एयरफोर्स की टीम बिल्डिंग का निरीक्षण कर चुकी है। अब देखना यह है कि म्यूजियम बन पाता है या नहीं। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के शहर में बर्ड एवियेरी, गवर्नमेंट प्रेस म्यूजियम और इलेक्ट्रिक बस जैसे प्रोजेक्ट प्रमुख हैं। प्रशासक चाह रहे हैं कि कार्यकाल पूरा होने से पहले इन प्रोजक्टों को सिरे चढ़ा दिया जाएगा

प्रशासक वीपी सिंह बदनौर का कार्यकाल अगस्त के आखिर में समाप्त हो रहा है। पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद बदनौर वापस लौटेंगे। उनकी जगह नए प्रशासक की सुगबुगाहट अभी से शुरू हो चुकी है। पंजाब के राज्यपाल का दायित्व होने पर भी बदनौर की सक्रियता चंडीगढ़ में ज्यादा रही है। वह कार्यकाल के अंतिम दिनों में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा कराने में लगे हैं। हालांकि कोरोना महामारी में प्रशासक की सक्रियता सराहनीय रही।


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