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डीसी रेट वेजिस को प्रशासन ने किया फ्रीज, 15 हजार इंप्लाइज को नुकसान

प्रशासन का यह फैसला कोरोना महामारी में खराब आर्थिक हालात को देखते हुए लिया गया है। वहीं कर्मचारी संगठनों ने प्रशासन के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 09:07 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 09:07 AM (IST)
डीसी रेट वेजिस को प्रशासन ने किया फ्रीज, 15 हजार इंप्लाइज को नुकसान
डीसी रेट वेजिस को प्रशासन ने किया फ्रीज, 15 हजार इंप्लाइज को नुकसान

चंडीगढ़, [बलवान करिवाल] : कांट्रेक्ट और डेली वेज इंप्लाइज के लिए बुरी खबर है। इन इंप्लाइज को मिलने वाले डीसी रेट वेजिस को प्रशासन ने फ्रीज कर दिया है। अब अगले आदेश तक उनकी सेलरी नहीं बढ़ेगी। जो मानदेय उन्हें अभी तक मिल रहा है, वही मिलता रहेगा। कर्मचारी संगठन प्रशासन के इस फैसले से खासे नाराज हैं। कोरोना महामारी में खराब आर्थिक हालात को देखते हुए प्रशासन ने यह फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने खर्च में कटौती करने के निर्देश दे रखे हैं। उसी आधार पर यूटी प्रशासन ने यह फैसला लिया है।

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हर साल अप्रैल में डीसी रेट रिवाइज्ड होता है। लेकिन कोरोना की वजह से इसे अभी तक रिवाइज्ड नहीं किया गया था। अब प्रशासन ने इसे अगले आदेशों तक फ्रीज ही कर दिया है। चंडीगढ़ के सभी डिपार्टमेंट में कांट्रेक्ट और डेली वेज इंप्लाइज काम करते हैं। एक डिपार्टमेंट में 300-400 ऐसे इंप्लाइज हैं। सभी डिपार्टमेंट में करीब 15 हजार ऐसे इंप्लाइज हैं। इन इंप्लाइज को हर साल अप्रैल का इंतजार रहता है।

बजट में प्रति क्वार्टर पांच फीसद की कटौती

इस बार केंद्र सरकार ने महामारी को देखते हुए क्वार्टर में 25 की जगह केवल 20 फीसद ही बजट खर्च करने की मंजूरी दे रखी है। प्रत्येक क्वार्टर में पांच फीसद की कटौती कर रखी है। इससे चार क्वार्टर में 20 फीसद बजट पर पहले ही कट लग चुका है। इसको देखते हुए यूटी प्रशासन अब जरूरी कार्य ही बजट से कर रहा है।

इंप्लाइज के साथ अन्याय

जिस प्रकार रेगुलर इंप्लाइज का डीए रिवाइज्ड होता है। उसी तरह से साल में एक बार कांट्रेक्ट और डेली वेज इंप्लाइज का डीसी रेट रिवाइज्ड होता है। जिससे उनका मानदेय बढ़ता है। अप्रैल 2020 से इंप्लाइज का डीसी रेट रिवाइज्ड नहीं हो सका था। लेकिन अब प्रशासन ने इसे फ्रीज ही कर दिया है। मुश्किल दौर से गुजर रहे इंप्लाइज पर यह सीधा प्रहार है।

चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन एंड एमसी इंप्लाइज वर्कर्स यूनियन की ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने एडवाइजर मनोज परिदा को इस फैसले के विरोध में मांग पत्र सौंपा। इस फैसले को वापस लिया जाना चाहिए। इन इंप्लाइज को पहले ही वेतन बेहद कम मिलता है। फ्रीज होने से घर चलाना मुश्किल हो जाएगा।

-अश्वनी कुमार कन्वीनर, कोऑर्डिनेशन कमेटी यूटी एंड एमसी इंप्लाइज यूनियन।


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