केंद्रीय टीम ने सौंपी रिपोर्ट : मोहाली में कोरोना संक्रमण से निपटने के इंतजाम नाकाफी
जिले के मोहाली विधानसभा हलके के विधायक सूबे में सेहत मंत्री हैं। लेकिन जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बेहाल है।
जागरण संवाददाता, मोहाली : जिले के मोहाली विधानसभा हलके के विधायक सूबे में सेहत मंत्री हैं। लेकिन जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बेहाल है। जिला मोहाली कोविड से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम नहीं है। इस बात का पर्दाफाश केंद्र की तीन सदस्यीय टीम ने किया है। केंद्रीय टीम कोविड-19 की स्थिति का आंकलन करने के लिए मोहाली पहुंची थी। टीम ने महामारी को संभालने में प्रशासन की कई खामियों को उजागर किया है। उधर, जिला प्रशासन ने मोहाली के गंभीर मरीजों को चंडीगढ़ के अस्पतालों में इलाज मिल सके इस मुद्दे को पीएमओ के समक्ष उठाया है और अब जबाब का इंतजार है। ध्यान रहे कि जिले में पिछले छह हफ्तों में, लगभग 12,500 कोविड मामले सामने आ चुके हैं। कोविड से 100 से अधिक मौतें हुई हैं। अकेले अप्रैल में 1,200 मामलों में मोहाली शहर और जीरकपुर में ढकोली से हैं। जिले में हर रोज 300 से ज्यादा कोविड के मामले सामने आ रहे हैं। टीम ने जो रिपोर्ट तैयार की है उसे डीसी मोहाली गिरिश दयालन को सौंप दिया गया है।
गंभीर रोगियों के लिए वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है कि गंभीर रोगियों के लिए जिले में वेंटिलेटर की कोई सरकारी सुविधा नहीं है। ध्यान रहे कि मोहाली के सरकारी अस्पताल में सिर्फ एक वेंटिलेटर था। जिसकी संख्या बढ़ाने के लिए लाखों रुपये की अनुदान राशि पिछले साल कोरोना के दौरान दी गई थी। लेकिन अभी वेंटिलेटरों की खरीद नहीं हो पाई है। मोहाली में कई निजी अस्पताल हैं, लेकिन मरीजों को वहां पर जगह नहीं मिल रही है। अगर हालात खराब हुए तो स्थिति को संभालना मुश्किल हो जाएगा। केंद्रीय टीम की ओर से रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग ने इस तरह की सुविधाएं विकसित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं। मैनपावर की भी कमी है। सभी गंभीर रोगियों को पटियाला भेजा जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड को फैलने से रोकने के लिए जमीन पर कुछ भी नहीं किया जा रहा है। जहां तक की पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने वालों की ट्रेसिग नहीं की जा रही है।
अस्पताल निर्माण चल रहा, जिले को पटियाला से किया गया है मैप
डिप्टी कमिश्नर गिरिश दयालन ने कहा कि प्रशासन ने टीम के उठाए गए मुद्दों पर जवाब दिया है। जहां तक गंभीर रोगियों के लिए सुविधा का सवाल है। मोहाली के सिविल अस्पताल का निर्माण चल रहा है। जिले को ऐसे मामलों के संदर्भ में पटियाला के साथ मैप किया गया है। कोविड मरीजों की देखभाल के लिए बिस्तर की क्षमता बढ़ाने के लिए जिले के निजी अस्पतालों को भी निर्देशित किया है। दयालन ने कहा कि चंडीगढ़ के अस्पतालों में मरीजों को इलाज मिले इस मसले को पीएमओ के समक्ष रखा गया है। जबाब का इंतजार है। कोविड पर काबू पाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे है।